Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित ?

Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित

Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित ?
Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित ?

विषय: जिले में बैंकों में लंबित अदावाकृत/लावारिस धनराशि के निस्तारण हेतु “आपकी पूंजी – आपका अधिकार” अभियान के अंतर्गत विशेष शिविर का आयोजन। सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि हापुड़ जिले के विभिन्न राष्ट्रीयकृत, निजी एवं सहकारी बैंकों में पिछले कई वर्षों से खातों में लगभग 46.26 करोड़ रुपये की धनराशि निष्क्रिय रूप में पड़ी हुई है। यह राशि उन खातों में दर्ज है, जिनका संचालन लंबे समय से नहीं किया गया है। इस श्रेणी में ऐसे खाते शामिल हैं, जिनमें खाताधारक का निधन हो चुका है, खातों की जानकारी परिजनों को प्राप्त नहीं है, खाताधारक स्थानांतरित हो गए हैं, या अन्य किसी प्रशासनिक अथवा निजी कारण से खाते निष्क्रिय हो गए हैं। समय के साथ ऐसे खातों में जमा धनराशि अदावाकृत (Unclaimed) श्रेणी में चली जाती है और खाता धारक या उनके वारिस इसे प्राप्त नहीं कर पाते।

इसी समस्या के समाधान के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) तथा वित्तीय सेवाएँ विभाग (DFS), भारत सरकार द्वारा देशभर में “आपकी पूंजी – आपका अधिकार” अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बैंकों में निष्क्रिय पड़ी धनराशि के असली हकदारों की पहचान करना, उन्हें इस धन के बारे में जागरूक करना तथा सरल और तेज़ प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें उनकी जमा पूँजी वापस दिलाना है।

अभियान के अंतर्गत प्रत्येक जिले में बैंक शाखाओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपने यहाँ लंबित पड़े निष्क्रिय खातों की सूची तैयार करें, उसमें दर्ज खाताधारकों या उनके परिजनों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करें तथा उन्हें आवश्यक दस्तावेज के साथ दावा प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करें। इसी उद्देश्य से बैंक कर्मचारियों की विशेष टीमें भी बनाई गई हैं, जिन्हें खाताधारकों के पते पर भेजकर सीधे संवाद स्थापित करने का दायित्व सौंपा गया है।

अभियान को प्रभावी बनाने के लिए शिविर आधारित व्यवस्था अपनाई जा रही है, ताकि जिले के अधिकतम लोग एक ही स्थान पर आवश्यक जानकारी, सहायता और दस्तावेज सत्यापन की सुविधा प्राप्त कर सकें। बैंक शाखाएँ, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभाग मिलकर इन शिविरों का संचालन कर रहे हैं। शिविर में उपस्थित बैंक अधिकारी, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, राजस्व विभाग के कर्मी तथा अन्य नामित अधिकारी दावा प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने में सहयोग करेंगे।

Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित ?
Unclaimed bank : अदावाकृत बैंक धनराशि लौटाने हेतु आपकी पूंजी–आपका अधिकार अभियान के तहत विशेष शिविर आयोजित ?

उपरोक्त क्रम में खंड विकास कार्यालय, हापुड़ के सभागार में 5 दिसंबर 2025 को दोपहर 12 बजे एक विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें अदावाकृत राशि से संबंधित दावों का निस्तारण किया जाएगा। जिले में रहने वाले ऐसे सभी नागरिक जिनकी या जिनके परिजनों की किसी भी बैंक में अदावाकृत धनराशि पड़ी है, वे इस शिविर में उपस्थित होकर अपने दावे का निस्तारण करवा सकते हैं।

शिविर में आने वाले व्यक्तियों को निम्नलिखित दस्तावेज साथ लाने की सलाह दी जाती है:

  1. पहचान प्रमाण – आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि।

  2. पते का प्रमाण – आधार, राशन कार्ड, बिजली बिल आदि में से कोई एक।

  3. खाता संबंधित दस्तावेज – पुरानी पासबुक, खाता संख्या, ATM/डेबिट कार्ड (यदि उपलब्ध), बैंक से प्राप्त पत्र आदि।

  4. वारिसों के मामले में – मृतक प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र अथवा बैंक द्वारा निर्धारित अन्य दस्तावेज।

  5. विवाद या विभिन्न वारिसों की स्थिति में – संबंधित कानूनी दस्तावेज अथवा बैंक द्वारा सुझाए गए प्रमाण।

जिन व्यक्तियों को यह ज्ञात है कि उनके परिवार, रिश्तेदार या परिचित की किसी बैंक शाखा में धनराशि निष्क्रिय स्थिति में पड़ी है, वे भी इस शिविर का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जिन लोगों को सिर्फ शक या अंदेशा है कि उनके किसी पुराने खाते में राशि शेष रह गई होगी, वे भी शिविर में पहुँचकर बैंक अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बैंक अधिकारी अदावाकृत खातों की प्राथमिक सूची के आधार पर संबंधित व्यक्तियों को उनके दावे की स्थिति समझाएंगे और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

इस अभियान का उद्देश्य केवल धनराशि का निस्तारण करना ही नहीं, बल्कि नागरिकों में वित्तीय जागरूकता और बैंकिंग अनुशासन को बढ़ावा देना भी है। बहुत से लोग समय के साथ खाता संचालन में लापरवाही बरतते हैं, पासबुक अद्यतन नहीं करते, संपर्क नंबर बदलने पर बैंक को सूचित नहीं करते या रिश्तेदारों को खातों की जानकारी नहीं देते। इससे भविष्य में खाते निष्क्रिय हो जाते हैं और जमा पूँजी वर्षों तक पड़ी रहती है। प्रशासन अपेक्षा करता है कि नागरिक भविष्य में ऐसे खाते सक्रिय रखें और बैंक से नियमित संपर्क बनाए रखें।

अतः जिले के सभी नागरिकों से अपील है कि यदि आपके स्वयं के, आपके परिजनों या किसी परिचित के नाम की अदावाकृत राशि बैंक खातों में पड़ी हुई है, तो 5 दिसंबर 2025 को आयोजित शिविर में अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर इसका लाभ उठाएँ। यह अभियान आपकी मेहनत से अर्जित पूंजी को आपके ही हाथों में सौंपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

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