Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी ?

Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी

Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी ?
Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी ?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान को बुरे अंजाम भुगतने की धमकी दी है। ट्रम्प ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस नहीं करता है, तो बहुत बुरा होगा।”

इससे पहले ट्रम्प ने गुरुवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “हम बगराम को वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि, उस जगह से एक घंटे की दूरी पर चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है।”

तालिबानी सरकार ने ट्रम्प की इस मांग को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि, सरकार कभी भी अपने इलाके में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं, चीन ने ट्रम्प की धमकी का विरोध किया है।

2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के कारण अमेरिकी ठिकानों पर तालिबानी सरकार ने कब्जा कर लिया था और काबुल में अमेरिका समर्थित सरकार को गिरा दिया। बगराम एयरबेस को 1950 के दशक में सोवियत संघ और अमेरिका की मदद से बनाया गया था।

ट्रम्प बोले- अगर वे बेस नहीं देंगे, तो आप देखेंगे मैं क्या करता हूं

शनिवार को जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वह अड्डे पर कब्जा करने के लिए क्या अमेरिकी सेना भेजेंगे, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा, “हम इस बारे में बात नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि बेस जल्दी वापस मिले। अगर वे नहीं देंगे, तो आप देखेंगे कि मैं क्या करता हूं।”

बगराम एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 40 किलोमीटर उत्तर में है। यह अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा ठिकाना था। 2001 के 9/11 हमलों के बाद अमेरिका ने इसका इस्तेमाल शुरू किया।

इस एयरबेस पर बर्गर किंग, पिज्जा हट जैसे रेस्तरां थे। वहां इलेक्ट्रॉनिक्स और अफगानी कालीन बेचने वाली दुकानें भी थीं। एक बड़ा जेल परिसर भी था।

चीन की निगरानी करने के लिए बेस पर कब्जा चाहते हैं ट्रम्प

2021 में अमेरिकी सेनाओं ने अफगानिस्तान से वापसी की थी। यह वापसी जो बाइडेन प्रशासन के समय हुई थी। इसके बाद तालिबान ने बगराम एयरबेस और काबुल की सरकार पर कब्जा कर लिया।

ट्रम्प ने बाइडेन के इस फैसले की कई बार आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वह कभी बगराम नहीं छोड़ते। ट्रम्प ने मार्च, 2025 में कहा था कि वह बगराम को रखना चाहते थे। इसका कारण चीन की निगरानी करना और अफगानिस्तान के खनिज संसाधनों तक पहुंचना है।

ट्रम्प पहले भी कई जगहों पर अमेरिकी कब्जे की बात कर चुके हैं। उन्होंने पनामा नहर और ग्रीनलैंड जैसे क्षेत्रों का जिक्र किया था। बगराम पर उनकी नजर कई सालों से है।

अफगान अधिकारी बोले- अमेरिकी सेना की मौजूदगी स्वीकार नहीं

तालिबान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी को अफगानिस्तान सरकार पूरी तरह से खारिज करती है।

उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा कि अफगानिस्तान और अमेरिका को एक-दूसरे के साथ जुड़ने की जरूरत है और वे आपसी सम्मान के आधार पर आर्थिक और राजनीतिक संबंध बना सकते हैं, वह भी अफगानिस्तान के किसी भी हिस्से में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति के बिना।

जलाल ने कहा, “अफगानिस्तान ने इतिहास में कभी भी सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं किया है। दोहा बातचीत और समझौते के दौरान इस संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था, लेकिन व्यापार और दूसरी गतिविधियों के लिए दरवाजे खोल दिए गए हैं।”

Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी ?
Warning of consequences : ट्रम्प ने बगराम एयरबेस वापसी की मांग की, वरना बुरे अंजाम की चेतावनी दी ?
चीनी प्रवक्ता बोले- टकराव बर्दाश्त नहीं

चीन ने भी ट्रम्प की टिप्पणी पर अपना विरोध जताया, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि “क्षेत्र में तनाव और टकराव को बढ़ावा देने का समर्थन नहीं किया जाएगा”।

उन्होंने कहा, “चीन अफगानिस्तान की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। अफगानिस्तान का भविष्य अफगान लोगों के हाथों में होना चाहिए।”

चीन ने काबुल पर तालिबान के कब्जे के तुरंत बाद सरकार के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। चीन ने अफगानिस्तान में तांबे की खदान और तेल भंडारों को दोबारा शुरू करने के लिए भारी निवेश किया है।

अमेरिका के लिए क्यों खास है बगराम एयरबेस

बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाना रहा है। यह अफगानिस्तान के सेंटर में है, जहां से पूरे देश में आसानी से ऑपरेशन चलाए जा सकते हैं।

साल 2001 में तालिबान शासन गिरने के बाद अमेरिका और नाटो सेनाओं ने बगराम को अपना सबसे बड़ा बेस बना लिया। यहीं से अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी और सैन्य अभियान चलते थे।

यहां लंबा रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मरम्मत सुविधाएं थीं। अमेरिका के लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर यहीं से उड़ते थे। बगराम में एक बड़ा डिटेंशन सेंटर भी था, जहां आतंकी और संदिग्ध कैद किए जाते थे।

इसे ‘बगराम जेल’ कहा जाता था। यह ठिकाना अमेरिका की अफगानिस्तान में मौजूदगी का प्रतीक था। 2021 में जब अमेरिकी सेना ने अचानक इसे खाली किया, तो यह तालिबान की बड़ी जीत मानी गई।

बेस पर कब्जा अफगानिस्तान पर फिर आक्रमण जैसा होगा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प की चेतावनी के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि बगराम को दोबारा लेना आसान नहीं होगा। इसके लिए 10 हजार से ज्यादा सैनिकों की जरूरत होगी।

उन्नत हवाई रक्षा प्रणालियां भी लगानी होंगी। यह एक तरह से अफगानिस्तान पर फिर से आक्रमण जैसा होगा। एयरबेस की सुरक्षा भी चुनौती होगी। इसे इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे आतंकी समूहों से बचाना होगा।

ईरान से मिसाइल हमले का खतरा भी है। जून 2025 में ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान अगर सहमति दे भी दे, तो भी बगराम को चलाने और बचाने के लिए भारी संसाधन चाहिए। यह एक महंगा और जटिल काम होगा

News Editor- (Jyoti Parjapati)

सभी समाचार देखें सिर्फ अनदेखी खबर सबसे पहले सच के सिवा कुछ नहीं ब्यूरो रिपोर्टर :- अनदेखी खबर ।

YouTube Official Channel Link:
https://youtube.com/@atozcrimenews?si=_4uXQacRQ9FrwN7q

YouTube Official Channel Link:
https://www.youtube.com/@AndekhiKhabarNews

Facebook Official Page Link:
https://www.facebook.com/share/1AaUFqCbZ4/

Whatsapp Group Join Link:
https://chat.whatsapp.com/KuOsD1zOkG94Qn5T7Tus5E?mode=r_c

अनदेखी खबर न्यूज़ पेपर भारत का सर्वश्रेष्ठ पेपर और चैनल है न्यूज चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। अनदेखी खबर न्यूज चैनल की लाइव खबरें एवं ब्रेकिंग न्यूज के लिए हमारे चैनल को Subscribe, like, share करे।

आवश्यकता :- विशेष सूचना
(प्रदेश प्रभारी)
(मंडल प्रभारी)
(जिला ब्यूरो प्रमुख)
(जिला संवाददाता)
(जिला क्राइम रिपोर्टर)
(जिला मीडिया प्रभारी जिला)
(विज्ञापन प्रतिनिधि)
(तहसील ब्यूरो)
(प्रमुख तहसील संवाददाता

 

 

Check Also

Six arrested : मेरठ और गाजियाबाद के बदमाशों ने घेराबंदी होते ही पुलिस पर की फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में चार को लगी गोली, छह गिरफ्तार ?

Six arrested : मेरठ और गाजियाबाद के बदमाशों ने घेराबंदी होते ही पुलिस पर की फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में चार को लगी गोली, छह गिरफ्तार

Six arrested : मेरठ और गाजियाबाद के बदमाशों ने घेराबंदी होते ही पुलिस पर की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *