Was accused : लखौवा में बिजली के तार से महिला की मौत, ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया

उत्तर प्रदेश के लखौवा ग्राम पंचायत में मंगलवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को शोक में डूबा दिया। यहां एक महिला की मौत बिजली के तार की चपेट में आने से हो गई। हादसा उस समय हुआ जब महिला धान लेकर अपने घर जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना शाम लगभग 5 बजे की है, जब लखौवा कोहरान बस्ती निवासी यह महिला खेतों से धान की बोरियां लेकर अपने घर लौट रही थी। रास्ते में ही अचानक वह एक नीचे झुके हुए बिजली के तार की चपेट में आ गई और देखते ही देखते करंट लगने से उसकी मौत हो गई। घटना इतनी भयावह थी कि मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया।
घटना के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल बिजली विभाग और पुलिस को सूचना दी, लेकिन महिला की जान बचाई नहीं जा सकी। ग्रामीणों ने बताया कि तार कई दिनों से नीचे लटका हुआ था और इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने कई बार बिजली विभाग को की थी, मगर विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। हादसे के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। लोग बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि विभाग के कर्मियों की लापरवाही ने एक मासूम जिंदगी छीन ली है, जो टाली जा सकती थी अगर समय रहते समस्या को ठीक कर दिया जाता।
स्थानीय लोगों के अनुसार, लखौवा गांव के कई हिस्सों में बिजली की लाइनें बेहद जर्जर हालत में हैं। कहीं-कहीं पुराने खंभे झुक चुके हैं और कई जगह तार पेड़ों और मकानों के ऊपर से होकर गुजरते हैं। बरसात के मौसम में इन तारों से चिंगारियां निकलती रहती हैं, लेकिन विभाग ने कभी सुधारात्मक कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बार-बार शिकायतें कीं, यहां तक कि ग्राम पंचायत बैठकों में भी इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने केवल आश्वासन देकर मामला टाल दिया।
मृतक महिला के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव की महिलाओं ने बताया कि वह मेहनती और सच्ची स्वभाव की थी, जो खेती-बाड़ी में अपने परिवार का हाथ बंटाती थी। खेत से धान लाते वक्त हुई यह दुर्घटना पूरे परिवार के लिए एक असहनीय सदमा है। बच्चों का रोना सुनकर पूरे गांव की आंखें नम हो गईं।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह हादसा बिजली के तार से करंट लगने का मामला प्रतीत होता है। पुलिस ने बिजली विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर भी इस हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी रोष है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह हादसा किसी प्राकृतिक कारण से नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही का परिणाम है। कई ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली के तार कई जगहों पर इतने नीचे झूल रहे हैं कि पैदल गुजरने वालों को झुककर निकलना पड़ता है। बच्चों के खेलने के दौरान कई बार हादसा होते-होते बचा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने विभाग के लाइनमैन और एसडीओ को कई बार मौखिक व लिखित शिकायतें दीं, लेकिन किसी ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया।
गांव के प्रधान ने भी प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे गांव की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने बिजली विभाग से आग्रह किया है कि गांव की सभी बिजली लाइनों का निरीक्षण कर जल्द से जल्द जर्जर तारों को बदला जाए। प्रधान ने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों को पत्र लिखे, लेकिन हर बार हमें यही कहा गया कि जल्द ठीक कर देंगे, पर आज एक निर्दोष महिला को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।”
घटना के बाद जिले के बिजली विभाग में भी हड़कंप मच गया है। विभाग के अधिशासी अभियंता ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही टीम मौके पर भेजी गई है और प्रारंभिक जांच में पाया गया कि तार पुराना और कमजोर था। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पूरे क्षेत्र में तारों और खंभों का सर्वे किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों ने विभाग के बयानों को महज़ “दुर्घटना के बाद की औपचारिकता” बताया है और कहा है कि जब तक जमीनी स्तर पर सुधार नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था की सुरक्षा कितनी उपेक्षित है। अक्सर जर्जर तार, झुके खंभे और अनियमित रखरखाव आम बात बन चुके हैं। सरकार द्वारा ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा के मानकों की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।
लखौवा की इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। लोग दुख और गुस्से से भरे हुए हैं। हर कोई यही कह रहा है कि अगर बिजली विभाग ने समय रहते तारों को ठीक कर दिया होता, तो आज एक मां, एक बहन, और एक मेहनती महिला जिंदा होती। ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है और प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के साथ-साथ मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
इस घटना ने न केवल एक परिवार की खुशियां छीन लीं, बल्कि शासन-प्रशासन के तंत्र पर भी गहरे सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह होगा कि क्या इस दर्दनाक हादसे के बाद विभाग अपनी लापरवाही से सबक लेता है या फिर यह मामला भी कुछ दिनों में फाइलों में दबकर रह जाएगा। गांव के लोग केवल यही दुआ कर रहे हैं कि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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