Rounds fired : जेवी जैन कॉलेज, सहारनपुर में आज कॉलेज टाइम के दौरान अज्ञात युवक द्वारा दो राउंड फायरिंग की गई

कॉलेज में फायरिंग — घटना का वृत्तांत
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के जेवी जैन डिग्री कॉलेज (जेवी जैन कॉलेज) में बुधवार को एक सनसनीखेज घटना हुई। कॉलेज समय — जब कक्षाएँ चल रही थीं — अचानक एक युवक परिसर में घुसा। सिर पर कपड़ा बांधे इस आरोपी युवक ने मुख्य गेट के पास पहुंचकर तमंचे से दो राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग की आवाज सुनते ही कॉलेज परिसर में दहशत फैल गई।
गोलियों की आवाज सुनकर छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं स्टाफ हड़बड़ा गए। कई लोग क्लासरूम छोड़कर भागने लगे; कुछ छुपने की जगह तलाशने लगे। कॉलेज परिसर तुरंत अफरा-तफरी व भगदड़ की स्थिति में बदल गया।
आरोपी की गतिविधियाँ
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घटना के बाद आरोपी युवक ने सुरक्षा गार्ड से कहा — “प्रिंसिपल को बता देना कि गोली मैंने चलाई है।”
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इस धमकी के बाद वह युवक मौके से फरार हो गया। वर्तमान में उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई; घटना की पूरी तस्वीर फुटेज में है। कॉलेज परिसर में कुल 128 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जो परिसर के तीनों गेट और मुख्य हिस्सों की निगरानी करते हैं।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही थाना सदर बाजार पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस ने परिसर की घेराबंदी की, सीसीटीवी फुटेज जब्त की, और आरोपी की पहचान करने के लिए कई टीमें गठित कर दीं।
कॉलेज प्रबंधन ने भी तुरंत कार्रवाई की — प्राचार्य ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाना में शिकायत दी है। साथ ही प्रशासन और पुलिस से कॉलेज गेट के आसपास सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की गई है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी की पहचान जल्द की जाएगी, और फायरिंग की पूरी घटना से जुड़ी जिम्मेदारियों का खुलासा किया जाएगा। सार्वजनिक गेटों, सीसीटीवी फुटेज, गार्ड गवाहों व अन्य साक्ष्यों को खंगाला जा रहा है।
छात्रों, स्टाफ व समाज पर असर — माहौल भयावह
गोली चलने की आवाज और अचानक हुई भगदड़ ने कॉलेज का माहौल पूरी तरह दहशत में बदल दिया। छात्र-छात्राएं जो अपनी पढ़ाई में व्यस्त थे, वे अचानक खौफ और अनिश्चितता की स्थिति में आ गए। कई छात्रों ने बताया कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है — सिर्फ सुरक्षित कहीं भागने की गुहार थी।
छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ के लिए यह एक डरावना अनुभव था। कई लोग अपने जान की परवाह किए बिना बाहर निकलने की होड़ में थे। परिवारों में यह ख़बर फैलते ही चिंता और भय का माहौल पैदा हो गया।
इस घटना ने यह दिखा दिया कि भले ही कॉलेज शैक्षणिक संस्थान हों, लेकिन यदि सुरक्षा व प्रवेश-प्रक्रियाएँ लचीली हों, तो ये संस्थान असुरक्षित भी बन सकते हैं।

कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रियाएँ और सुरक्षा चुनौतियाँ
प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज गेट पर नियमित सुरक्षा व्यवस्था है — दो मुख्य गेट और एक मैदान गेट; सभी गेटों पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। बावजूद इसके, यह युवक बिना पहचान के प्रवेश कर गया। इसका मतलब है कि मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल पर्याप्त नहीं थे या उनकी अनुपालना नहीं हुई।
प्रबंधन ने पहले से ही पुलिस से परिसर के आसपास फोर्स की मांग की थी, लेकिन शायद उसकी तात्कालिकता को नहीं समझा गया। ऐसी घटनाओं के लिए पूर्व चेतावनी मिल चुकी थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। यह गंभीर चूक कही जाएगी।
कॉलेज प्रशासन अब मांग कर रही है कि पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर तत्काल सुरक्षा उपाय लागू किए जाएँ — गेट पर पहचान प्रणाली, सिक्योरिटी बढ़ाना, पुलिस-पत्रवीरों की तैनाती, और प्रवेश में कड़ी जांच।
इस घटना का सामाजिक और कानूनी महत्व
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शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा — यह घटना दिखाती है कि सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि विद्यार्थियों का जीवन व सुरक्षा प्राथमिक होनी चाहिए। कॉलेज-यात्रा का मतलब पढ़ाई ही नहीं, विश्वास व सुरक्षा भी है।
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प्रवेश नियंत्रण व सुरक्षा protocols — गेट पर प्रवेश बिना चैकिंग के संभव नहीं होना चाहिए; बाहरी लोगों के प्रवेश पर सख्त मॉनिटरिंग होनी चाहिए।
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तत्काल कानूनी कार्रवाई — फायरिंग जैसे अपराध में तुरंत गिरफ्तारी, साक्ष्यों की पुष्टि, आरोपी की पहचान व मुकदमा दर्ज करना जरूरी है।
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छात्रों व अभिभावकों का भय — ऐसी घटनाओं से छात्रों एवं उनके परिवारों में भय, असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है, जो पढ़ाई व मानसिक शांति पर भी असर डालती है।
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विश्वास व जिम्मेदारी — पुलिस, प्रशासन व कॉलेज प्रबंधन को मिलकर विद्यार्थियों, स्टाफ और आम जनता का विश्वास बनाए रखना होगा।
निष्कर्ष – क्या होना चाहिए आगे
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आरोपी युवक की शीघ्र गिरफ्तारी होनी चाहिए, ताकि पुनरावृत्ति से सबकों आश्वासन मिले।
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कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था और प्रवेश-नियंत्रण को पूरी तरह मजबूत करना चाहिए — पहचान, गेट-चार्जिंग, गार्ड, और निगरानी।
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पुलिस-प्रशासन व कॉलेज प्रबंधन को मिलकर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए कि कौन-कौन सी व्यवस्थाओं में कमी रही और किस प्रकार सुधार संभव है।
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छात्रों, अभिभावकों और स्थानीय समाज को विश्वास दिलाना होगा कि शिक्षा संस्थान केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करते हैं।
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भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो — इसके लिए नियमित निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र और सुरक्षा जागरूकता अनिवार्य है
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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