Rahul Gandhi : राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर MP-MLA कोर्ट में परिवाद दाखिल, मुकदमा दर्ज करने की मांग

रायबरेली: नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली
- सांसद राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर रायबरेली की एमपी एमएलए कोर्ट में परिवाद दाखिल करने के लिए बुधवार को एप्लीकेशन दी गई है. बेंगलुरु के रहने वाले भाजपा नेता एस. विग्नेश शिशिर ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता विंदेश्वरी पांडेय के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया है. इस पर कोर्ट ने शहर कोतवाली पुलिस से प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है. इस दौरान न्यायालय में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
- एस. विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, 335, 340, 236, 237, 61, 148,147, 152, 238, 336, 351, 354,359, 241 सहित पासपोर्ट अधिनियम व विदेशी अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने का प्रार्थना पत्र विशेष न्यायाधीश डा. विवेक कुमार के समक्ष दाखिल किया है.
- कोर्ट ने न्यायालय ने प्रार्थनापत्र पर कोई आदेश करने के पूर्व कोतवाली से रिपोर्ट मंगाई है. शिकायतकर्ता ने राहुल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कुछ धाराओं में आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड तक के प्रावधान है. दोहरी नागरिकता, फर्जी पासपोर्ट, गोपनीय सूचना दुश्मनों को पहुंचाना, बेनामी संस्था बनाने जैसे गंभीर आरोप है. कोर्ट ने प्रकीर्ण (miscellaneous) वाद में दर्ज कर सुनवाई के लिए 5 दिसम्बर की तिथि नियत की है.

भाजपा कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने बताया कि
- एमपी एमएलए कोर्ट में सांसद राहुल गांधी के खिलाफ ब्रिटिश नागरिकता को लेकर एप्लीकेशन दी है. कोर्ट से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. इस मामले में न्यायालय ने कोतवाली पुलिस रायबरेली से रिपोर्ट मांगी है. जांच की रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई पहले से जांच कर रही है. शिशिर ने कहा कि भारत की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ कि कोई विदेशी नागरिक हमारे संसद में 20 साल से बैठे हैं.
- इस मामले में जल्द ही सुनवाई होगी और फैसला भी सुनाया जाएगा. ब्रिटिश सरकार से भी पासपोर्ट आ गया है. भारतीय सरकार से भी हमें जानकारी मिली है. जो भी डॉक्यूमेंट न्यायालय मांगेगा या पुलिस मांगेगी, उसमें पूरी सहायता करने के लिए हम पूर्ण रूप से तैयार हैं.इस मामले बहुत सारे मजबूत साक्ष्य हैं. बहुत सारे आरोप हैं. पासपोर्ट तो एक इशू है ही, सीरीज आफ ऑफेंस भी दिए गए हैं. कोर्ट ने आर्गुमेंट सुनने के बाद पुलिस से रिपोर्ट मंगाई है. कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होगी या फिर समन जारी किया जाएगा.