Victory Day : विजय दिवस के अवसर पर इंडियन रेडक्रास सोसाइटी ने सुभाष चंद्र बोस को किया याद

हापुड़: “जिसको न निज गौरव निज देश का अभिमान हो, वह नर नहीं, नर पशु और निरा मृतक समान है” — इस प्रेरक संदेश को अपने हृदय में धारण करते हुए आज दिनांक 16 दिसंबर, 2025 को इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के संयोजक व चेयरमैन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के नेतृत्व में विजय दिवस के अवसर पर सुभाष चौक में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संस्था के आजीवन सदस्य एकत्रित हुए और उन्होंने भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा में माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही कैंडल जलाकर उनके बलिदान और देशभक्ति की भावना को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि और कार्यक्रम की शुरुआत
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हाजिर थे मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजीव नयन गिरि। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य चिकित्साधिकारी और इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके पश्चात उपस्थित सभी सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित की और देशभक्ति की भावना को प्रकट किया।
डॉ. राजीव नयन गिरि ने अपने संबोधन में कहा कि विजय दिवस हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने उपस्थित सदस्यों से अपील की कि इस दिन को केवल याद रखने तक सीमित न रखें, बल्कि इसकी महत्ता और संदेश को जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं बल्कि अपने कर्मों और समाज सेवा के माध्यम से व्यक्त की जानी चाहिए।
विजय दिवस का ऐतिहासिक महत्व
डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने उपस्थित सदस्यों को बताया कि विजय दिवस हर वर्ष 16 दिसंबर को 1971 के भारत-पाक युद्ध की याद में मनाया जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को परास्त करते हुए देश की अखंडता और गौरव की रक्षा की थी। इस युद्ध के अंत में लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। इस दिन भारत की सैन्य शक्ति, साहस और वीरता का प्रतीक बन गया और इसे विजय दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने अपने साहस और बलिदान के माध्यम से देश की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की। उनका संघर्ष और समर्पण आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने मिलकर भारत माता की जय, भारत जिंदाबाद, सुभाष चंद्र बोस अमर रहें, महात्मा गांधी अमर रहें, और शास्त्री जी अमर रहें का उद्घोष किया, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और देशभक्ति की भावना में वृद्धि हुई।
सदस्यों की भागीदारी और योगदान
कार्यक्रम में इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के आजीवन सदस्य सक्रिय रूप से शामिल हुए। इसमें श्रीमती रीता सिंह तोमर, वेदप्रकाश गुप्त, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, सुरेश कुमार श्रीवास्तव, रामप्रकाश मौर्य, अभिनव श्रीवास्तव, चैतन्य कुमार, प्रेमचंद्र मौर्य, अभिषेक कुमार, के. के. सिंह, बृजकिशोर, कौशल श्रीवास्तव, गोरेलाल, विनय कुमार गुप्ता, राजेशराजन सहित तमाम सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

सदस्यों ने न केवल सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी, बल्कि इस अवसर को देशभक्ति और समाज सेवा के संदेश के रूप में मनाया। उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे अपने कार्यों के माध्यम से समाज और राष्ट्र के कल्याण में योगदान देंगे। इस प्रकार, कार्यक्रम न केवल एक श्रद्धांजलि सभा था बल्कि यह देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की प्रेरणा देने वाला आयोजन भी था।
कार्यक्रम की विशेषताएँ
विजय दिवस कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा में माल्यार्पण और कैंडल जलाना रहा। यह प्रतीकात्मक आयोजन इस बात को दर्शाता है कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके आदर्शों को हमेशा याद रखा जाना चाहिए।
डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों को प्रेरित करते हुए कहा कि विजय दिवस केवल भारतीय सेना की जीत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमें अपने राष्ट्र और समाज के प्रति जिम्मेदार बनने की सीख देता है। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें स्वयं भी देशभक्ति और सेवा की भावना को अपनाना होगा।
देशभक्ति और सामाजिक संदेश
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों ने भारत माता के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त किया। विजय दिवस के अवसर पर उठाए गए उद्घोष और कैंडल जलाने की प्रक्रिया ने यह संदेश दिया कि हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह अपने देश की रक्षा, उसकी अखंडता और उसके गौरव के लिए समर्पित रहे।
सदस्यों ने यह भी प्रण लिया कि वे देशभक्ति केवल त्योहारों और समारोहों तक सीमित नहीं रखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करें। यह कार्यक्रम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण था कि यह न केवल स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस और भारत की सैन्य विजय की याद दिलाता है, बल्कि समाज में एकजुटता और सेवा की भावना को भी जागृत करता है।
निष्कर्ष
विजय दिवस का यह कार्यक्रम इंडियन रेडक्रास सोसाइटी द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें सदस्यों ने न केवल सुभाष चंद्र बोस जी को श्रद्धांजलि दी, बल्कि देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्वपूर्ण संदेश को भी साझा किया। उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ. राजीव नयन गिरि और चेयरमैन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि विजय दिवस केवल भारतीय सेना की वीरता और देश की सैन्य सफलता की याद दिलाने का दिन नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि वह देश और समाज के लिए समर्पित रहे। कार्यक्रम में शामिल सदस्यों ने इस अवसर पर मिलकर देशभक्ति का संकल्प लिया और इस भावना को अपने जीवन में उतारने का संकल्प किया।
अतः 16 दिसंबर, 2025 को आयोजित यह विजय दिवस कार्यक्रम न केवल स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस को याद करने का अवसर था, बल्कि यह देशभक्ति, समाज सेवा और राष्ट्रीय गौरव को जागृत करने वाला आयोजन भी साबित हुआ।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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