यूपी पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण के लिए बनेगा स्पेशल आयोग, पंचायती राज विभाग ने शुरू कर दी कवायद

- प्रेम शंकर मिश्रा, लखनऊ: प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित पंचायत चुनावों में भी ओबीसी आरक्षण निर्धारित करने के लिए डेडिकेटेड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आयोग ओबीसी का आरक्षण निर्धारित करने के लिए ‘ट्रिपल टेस्ट’ के मानकों के आधार पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगा। पंचायती राज विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले निकाय चुनावों में भी आयोग का गठन किया गया था।
- उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, आयोग ‘ट्रिपल टेस्ट’ के आधार पर ओबीसी आरक्षण का निर्धारण करेगा। पंचायती राज विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें पंचायतों का परिसीमन और रोटेशन के आधार पर आरक्षण का निर्धारण शामिल है। प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर पंचायती राज विभाग एवं राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगरीय निकायों के सृजन व विस्तार पर रोक लगाई जा चुकी है और ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पंचायतों का परिसीमन किया जाएगा। इसके बाद पंचायतों में रोटेशन के आधार पर आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा।
यूपी पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण के लिए बनेगा स्पेशल आयोग, पंचायती राज विभाग ने शुरू कर दी कवायद
आयोग इसलिए जरूरी
- जनगणना को आधार बनाया जाता है। यानी 2011 के आंकड़ों के आधार पर इसका निर्धारण होगा। लेकिन, ओबीसी आरक्षण के लिए संक्षिप्त सर्वे करवाए जाने की परंपरा रही है। 27% पद ओबीसी के लिए आरक्षित होते हैं। हालांकि, महाराष्ट्र के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि ओबीसी आरक्षण के लिए भी एक तय प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिसे ‘ट्रिपल टेस्ट’ का नाम दिया गया।
- वर्ष 2023 में यूपी में भी निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, क्योंकि ओबीसी आरक्षण के लिए परंपरागत फॉर्म्युले को ही अपनाया गया था। बाद में सरकार ने आयोग का गठन किया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की, फिर चुनाव करवाया गया था। पंचायत चुनाव के दौरान तकनीकी एवं कानूनी अड़चनों को लेकर सरकार पहले से ही सतर्क है। इसलिए, आयोग के गठन की तैयारी है।
- सूत्रों के अनुसार, ओबीसी के आरक्षण के अलावा अन्य संवर्गों के रोटेशन के आधार पर आरक्षण के दौरान भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि पंचायतों में उन वर्गों को प्राथमिकता मिले जिनको अभी लाभ नहीं मिला है। 2021 के पंचायत चुनाव में 1995 को आधार वर्ष मान आरक्षण लागू करने की कवायद हुई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने वर्ष 2015 के रोटेशन के आधार पर चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। सूत्रों की मानें तो इस बार इन बिंदुओं पर भी होमवर्क किया जा रहा है, जिससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जो पंचायतें अभी तक आरक्षित नहीं हुई हैं उनको भी दायरे में लाया जा सके
क्या है ट्रिपल टेस्ट
- पिछड़ेपन की प्रकृति को लेकर अनुभवजन्य जांच के लिए एक आयोग की स्थापना। आयोग निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आकलन करेगा और सीटों के लिए आरक्षण प्रस्तावित करेगा।
- आयोग की सिफारिशों के आलोक में ओबीसी की संख्या का परीक्षण और उसका सत्यापन करवाया जाना।
- ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले यह ध्यान रखा जाए कि एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल आरक्षित सीटें 50 फीसदी से ज्यादा न हों।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)