Action taken by the officer : मुजफ्फराबाद में खाद-बीज दुकानों पर छापेमारी, जिला कृषि अधिकारी ने की कार्रवाई

- छुटमलपुर क्षेत्र के अंतर्गत विकास खंड मुजफ्फराबाद में खाद और बीज की दुकानों पर जिला कृषि अधिकारी कपिल कुमार के नेतृत्व में औचक निरीक्षण किया गया। लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर यह छापेमारी की गई, जिसमें दुकानों पर उर्वरक एवं बीज की गुणवत्ता, मूल्य निर्धारण और स्टॉक की जांच की गई। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला बीज और खाद तयशुदा दरों पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर किसान को सही मूल्य पर सही उत्पाद मिले और किसी प्रकार की जमाखोरी या कालाबाजारी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसानों के हित में सख्त कदम, जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगाम लगाने की कोशिश
- कपिल कुमार ने निरीक्षण के बाद जानकारी दी कि जनपद में डीएपी और यूरिया जैसी आवश्यक उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद कुछ दुकानदार अनावश्यक रूप से भंडारण कर कीमतों में हेरफेर करने की कोशिश करते हैं। इसी के चलते जिला प्रशासन ने दुकानों की नियमित जांच और निरीक्षण की योजना बनाई है ताकि जमाखोरी और कालाबाजारी जैसी गतिविधियों को रोका जा सके। यदि किसी दुकान पर अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित धाराओं में सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने दुकानदारों को चेतावनी भी दी कि वे नियमानुसार संचालन करें और किसानों का विश्वास न तोड़ें।
किसान संगठन ने जताया विरोध, कार्रवाई को बताया अनुचित
- इस छापेमारी के बाद जहां प्रशासन ने इसे किसान हित में उठाया गया कदम बताया, वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। संगठन के जिला अध्यक्ष सहित दर्जनभर किसान नेता मौके पर पहुंचे और छापेमारी को गलत ठहराते हुए इसे प्रतिष्ठित दुकानदारों की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि जिन दुकानों पर कार्रवाई की गई है, वे लंबे समय से किसानों की सेवा कर रही हैं और उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। उनका व्यवहार किसानों के साथ सदैव सहयोगात्मक रहा है। संगठन ने मांग की कि प्रशासन बिना ठोस प्रमाण के इस प्रकार की छापेमारी से बचे।
Action taken by the officer : मुजफ्फराबाद में खाद-बीज दुकानों पर छापेमारी, जिला कृषि अधिकारी ने की कार्रवाई
प्रशासन और किसान संगठन आमने-सामने, जांच की पारदर्शिता पर उठे सवाल
- छापेमारी को लेकर अब प्रशासन और किसान संगठन आमने-सामने नजर आ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जबकि संगठन इसे दुकानदारी के खिलाफ बदनियती पूर्ण कदम मान रहा है। इस स्थिति में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या छापेमारी से पहले दुकानदारों को उचित सूचना दी गई या कार्रवाई पूर्वग्रह से प्रेरित थी। किसानों की सुविधा और विश्वास दोनों ही प्रशासनिक पारदर्शिता पर निर्भर करते हैं, ऐसे में यदि किसी कार्रवाई की प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं, तो उसका हल संवाद और जांच की निष्पक्षता से ही निकल सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद के समाधान की दिशा में क्या कदम उठाता है और किसान संगठनों की संतुष्टि के लिए कैसे पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)