Alert- Mussoorie : धौलाना रजिस्ट्री कार्यालय स्थानांतरण पर अधिवक्ता नाराज, चेतावनी- मसूरी रोड पर होगा जाम

उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के धौलाना क्षेत्र में इन दिनों रजिस्ट्री कार्यालय को लेकर जबरदस्त विवाद और असंतोष का माहौल बन गया है। खासतौर पर अधिवक्ता वर्ग इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गया है और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन भी किया है। मामला धौलाना तहसील में लंबे समय से संचालित हो रहे रजिस्ट्री कार्यालय का है, जिसे पिलखुवा स्थानांतरित किए जाने की खबर सामने आने के बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ। जैसे ही यह खबर सुर्खियों में आई, धौलाना के अधिवक्ता वर्ग में रोष फैल गया। उन्होंने इसे जनविरोधी और अव्यवस्था पैदा करने वाला निर्णय बताया है और इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
धौलाना तहसील के अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए तहसील परिसर में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। वे पूरी तरह से आक्रोशित नजर आए और उन्होंने साफ-साफ शब्दों में प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर रजिस्ट्री कार्यालय को वापस धौलाना नहीं लाया गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अधिवक्ताओं ने तहसील के रजिस्ट्रार और तहसीलदार को दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। इन ज्ञापनों में मांग की गई कि रजिस्ट्री कार्यालय को यथास्थान यानि धौलाना में ही चालू रखा जाए और पिलखुवा स्थानांतरण का निर्णय तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि धौलाना क्षेत्र के हजारों लोगों की रजिस्ट्री पिलखुवा स्थानांतरित होने से प्रभावित होगी। यह न केवल आम जनता की सहूलियत से खिलवाड़ है, बल्कि अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी और कानूनी कार्यों में भी बाधा उत्पन्न करेगा। अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह निर्णय बिना किसी पूर्व जानकारी और जनसहमति के लिया गया है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था की भावना के खिलाफ है।
धौलाना के वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना है कि रजिस्ट्री कार्यालय को धौलाना से हटाने से क्षेत्र की जनता को दूरदराज जाना पड़ेगा। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग, जो पहले ही सीमित संसाधनों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें रजिस्ट्री जैसे जरूरी कार्यों के लिए अधिक समय, पैसा और संसाधन खर्च करने होंगे। साथ ही, अधिवक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कदम प्रशासन और जनता के बीच विश्वास की दीवार को तोड़ने वाला है।
प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं के चेहरों पर गुस्से और निराशा की लकीरें साफ नजर आईं। वे पूरी तरह से एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर मैदान में उतर आए। नारेबाजी करते हुए उन्होंने प्रशासन को खुली चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं की गई, तो वे मसूरी-गुलावठी रोड पर बड़ा जाम लगाकर प्रदर्शन करेंगे। यह रोड क्षेत्र की प्रमुख सड़कों में से एक है, और यदि वहां जाम लगाया गया तो न केवल सैकड़ों वाहन फंसेंगे, बल्कि हजारों यात्रियों और आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब क्षेत्र के नागरिकों में भी चर्चा शुरू हो गई है। धौलाना के स्थानीय निवासियों का कहना है कि रजिस्ट्री कार्यालय को पिलखुवा ले जाने से उनके समय और संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्हें लगता है कि यह निर्णय सिर्फ प्रशासनिक सुविधा के आधार पर लिया गया है, जबकि इसमें जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है।
इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा होने लगी है। कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस विषय पर चिंता जताई है और कहा है कि जनता और अधिवक्ताओं की मांग जायज है। उन्होंने उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए और जनहित को प्राथमिकता दी जाए।
अब बड़ा सवाल यह है कि उच्च अधिकारी अधिवक्ताओं की इस मांग पर कब तक कार्रवाई करेंगे। क्या रजिस्ट्री कार्यालय को वापस धौलाना लाया जाएगा? या फिर अधिवक्ताओं को अपने आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा? यदि प्रशासन समय रहते इस मामले का समाधान नहीं करता है, तो यह मुद्दा और ज्यादा व्यापक रूप धारण कर सकता है।
अधिवक्ताओं ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक सुविधा का मामला नहीं है, बल्कि यह उनके अस्तित्व और अधिकारों का मामला है। वे इस निर्णय को अधिवक्ता समुदाय और आमजन के प्रति अन्याय मानते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो वे न्यायिक मार्ग भी अपनाएंगे और अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
फिलहाल, धौलाना में माहौल पूरी तरह से आंदोलित है। अधिवक्ताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और वे लगातार रणनीति बना रहे हैं कि यदि मांग नहीं मानी गई, तो आगे की कार्रवाई क्या होनी चाहिए। मसूरी रोड जाम की चेतावनी को गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि यह सड़क हापुड़ जिले को बुलंदशहर, गाजियाबाद और अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ती है। यहां जाम लगने से क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था ठप हो सकती है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब प्रशासनिक अमला भी हरकत में आ गया है। सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन इस मामले को लेकर शासन स्तर पर रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। यह देखना बाकी है कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है और क्या अधिवक्ताओं की मांग पूरी होती है या नहीं।
अंततः यह कहा जा सकता है कि धौलाना रजिस्ट्री कार्यालय के स्थानांतरण को लेकर उपजा विवाद अब केवल एक स्थानीय प्रशासनिक मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह जनभावनाओं से जुड़ चुका है। अधिवक्ताओं की नाराजगी और आमजन की परेशानी को देखते हुए प्रशासन को जल्द ही कोई सकारात्मक कदम उठाना होगा, वरना यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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