Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा ?

Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा

Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा
Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा

 क्यों किए जा रहे DNA टेस्ट?

पंजाब सरकार ने आदेश दिया है कि जो भी बच्चे सड़कों पर किसी वयस्क के साथ भिक्षा मांगते पाए जाएंगे, उनके DNA टेस्ट करवाए जाएँगे ताकि यह तय हो सके कि वे उस वयस्क के वास्तविक रिश्तेदार हैं या नहीं । इसका मुख्य उद्देश्य बाल तस्करी और शोषण को रोकना है।


 रिश्तेदारी प्रमाणन और कानूनी कार्रवाई

यदि DNA टेस्ट से पता चलता है कि बच्चा वयस्क का кровीय सम्बंधी नहीं है, तो उस वयस्क के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी । इस दौरान बेदाग पहचान सुनिश्चित करने के लिए बच्चे को बाल कल्याण समिति की देखरेख में रखा जाएगा और institutional care दी जाएगी।


‘Project Jeewanjyot‑2’ के अंतर्गत प्रारंभ

यह पहल ‘Project Jeewanjyot‑2’ के तहत चलाई जा रही है, जिसका लक्ष्य पंजाब को भिखारी‑मुक्त बनाना और बच्चों को शिक्षा‑विकास की राह पर लाना है The New Indian Express+1Dailyworld Newspaper+1। टीमें डैप्युटी कमिश्नरों के नियंत्रण में सड़कों पर सक्रिय होंगी, जहां संदिग्ध मामलों में बच्चे को हिरासत में लेकर DNA जांच कराई जाएगी।

Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा
Beggars : पंजाब में भिखारियों का DNA टेस्ट होगा

 प्रतिक्रिया और संभावित चुनौतियाँ

  • बच्चों की सुरक्षा: जब तक DNA परिणाम नहीं आते, बच्चों को बाल गृह में रखा जाएगा, जिससे उन्हें सुरक्षित परिवेश मिल सकेगा

  • कानूनी प्रक्रियाएँ: कई बार बच्चे स्वेच्छा से अनाथ बच्चे भी हो सकते हैं या गाँव के अन्य सदस्य उनके साथ होते हैं। ऐसे मामलों में कोर्ट और Child Welfare Committee की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

  • व्यापक दृष्टिकोण: यह कदम पहले से छुट्टी और बाल तस्करी विरोधी अभियानों के बजाय इसे एक ज़रूरी सुरक्षा उपाय के रूप में देखता है


निष्कर्ष

पंजाब का यह कदम बच्चों की मजबूरी और दर्द पर आधारित भिक्षा पर रोक लगाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। यह नीति दो प्रमुख लाभ देती है:

  1. बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास: उन्हें शिक्षित और संरक्षित वातावरण दिया जाएगा।

  2. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई: यदि कोई वयस्क बच्चे का वास्तविक अभिभावक नहीं पाया गया, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना होगा।

हालांकि, इसे लागू करते समय पारदर्शिता, कानूनी सुरक्षा और बच्चों की भलाई का पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है। यदि और आपके कोई सुझाव हैं या आप इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा करना चाहें, तो मुझे बताइए—इस पर विस्तृत रिसर्च, रिपोर्ट या विश्लेषण उपलब्ध कराया जा सकता है।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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