Big step for promotion : सुप्रीम कोर्ट में लागू हुई SC-ST आरक्षण नीति, कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रमोशन को लेकर बड़ा कदम

- नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत में पहली बार कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रोन्नति में आरक्षण नीति लागू हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में 24 जून को सर्कुलर जारी कर शीर्ष अदालत के सभी कर्मचारियों को सूचित किया है। कोर्ट ने आरक्षण नीति लागू करते हुए माडल रिजर्वेशन रोस्टर जारी किया है। सीधी भर्ती में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी एसटी) को आरक्षण का लाभ देने के लिए 200 प्वाइंट की रोस्टर प्रणाली लागू की गई है। यह रोस्टर गत 23 जून को जारी किया गया। यह पहला मौका है जबकि सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों में आरक्षण नीति लागू हुई है। वैसे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति में किसी तरह का आरक्षण लागू नहीं होता है लेकिन फिर भी उनकी नियुक्ति में हर वर्ग और हर क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाता है।
- आउट सोर्सिंग सर्विसेज में दलित पिछड़ों व सुप्रीम कोर्ट में सीधी भर्ती में पिछड़ी जाति के लोगों को संवैधानिक आरक्षण का लाभ मिला है ।सरकार व सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों से दलित पिछड़ों को जो पहले से सँविधान में दिए गए आरक्षण से वंचित जो वंचित किया गया था उसे दिलाने के लिए राहुल गांधी जी का सँविधान बचाओ संघर्ष सफल हुआ। राहुल गांधी जी का सँविधान बचाओ अभियान जो दलितों पिछड़ों के अधिकारों को सुरक्षित व संरक्षित करने का है वह जमीन में उतर रहा है। समाजवाद के अंर्तगत दलित ,वंचित,शोषित व पिछड़ों को गैर बराबरी,ऊंच नीच ,भेदभाव व शोषण से मुक्त कराने के संकल्प को पूरा करने के लिए जननायक राहुल गांधी बराबर सँघर्ष कर रहे हैं ,आवाज उठाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं ।सँविधान की रक्षा के लिए उनके अभियान को जय हिंद ।
कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रोन्नति में आरक्षण लागू
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में तो आरक्षण नहीं ही लागू था, लेकिन कर्मचारियों की भर्ती में भी अभी तक आरक्षण लागू नहीं था। केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण लागू करने के लिए दो जुलाई 1997 को आदेश जारी किया था और अब उसके करीब 28 सालों के बाद सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारियों की सीधी भर्ती और प्रोन्नति में आरक्षण लागू हुआ है।
23 जून से आरक्षण नीति लागू
सुप्रीम कोर्ट के औपचारिक रूप से 23 जून से आरक्षण नीति लागू की गई है। 23 जून को रजिस्ट्रार प्रदीप वाई. लाडेकर की ओर से जारी रोस्टर में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 7.5 फीसद आरक्षण का रोस्टर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में 24 जून को जारी सर्कुलर में सभी कर्मचारियों को इसके बारे में सूचित किया है।
सर्कुलर में क्या कहा गया?
सर्कुलर में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के अनुसार सभी संबंधित लोगों को जानकारी के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि मॉडल आरक्षण रोस्टर को सुपनेट (सुप्रीम कोर्ट के आंतरिक ईमेल नेटवर्क ) पर अपलोड कर दिया गया है और उसे 23 जून 2025 से प्रभावी बनाया गया है। इसके अलावा यह भी सूचित किया जाता है कि रोस्टर या रजिस्टर में गलतियों या अशुद्धियों के बारे में किसी भी कर्मचारी द्वारा आपत्ति या प्रतिवेदन की स्थिति में , वे रजिस्ट्रार भर्ती को इसकी जानकारी दे सकते हैं।
आरक्षण नीति लागू होने के रोस्टर के मुताबिक, शीर्ष अदालत में अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों को 15 फीसद और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को 7.5 फीसद कोटा मिलेगा। नीति के मुताबिक आरक्षण का लाभ रजिस्ट्रार, वरिष्ठ निजी सहायकों, सहायक पुस्तकालयाध्यक्षों, कनिष्ठ न्यायालय सहायकों और चैंबर अटेन्डेंट को उपलब्ध होगा। शीर्ष अदालत के कर्मचारियों की सीधी भर्ती में आरक्षण मॉडल रोस्टर डीओपीटी के सीधी भर्ती के संदर्भ में दिनांक 02.07.1997 के कार्यालय ज्ञापन आरक्षण के आधार पर और सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारी एवं सेवक (सेवा एवं आचरण की शर्तें) नियम, 1961 के नियम 4ए में आरक्षण का 200 प्वाइंट मॉडल रोस्टर जारी किया गया है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)