Committee Meetings : जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में आयोजित बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति, जिला टास्क फोर्स कमेटी एवं जनपदीय बन्धुआ श्रम सर्तकता समिति बैठक ?

जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में आयोजित बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति, जिला टास्क फोर्स कमेटी एवं जनपदीय बन्धुआ श्रम सर्तकता समिति बैठक
- हापुड- जनपद में बाल श्रम पर अंकुश लगाते हुए बाल श्रमिकों को शिक्षा से जोडने हेतु जिलाधिकारी अभिषेक पाण्डेय जी की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में बाल श्रम उन्मूलन जनपद समिति, गाजियाबाद, जिला टास्क फोर्स कमेटी एवं जनपदीय बन्धुआ श्रम सर्तकता समिति की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान पुलिस अधीक्षक महोदय, हापुड, विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड, मुख्य चिकित्साधिकारी हापुड, अपर जिलाधिकारी हापुड, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हापुड, जिला प्राबेशन अधिकारी, हापुड, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, हापुड, परियोजना अधिकारी डी०यू०डी०ए० (डूडा), हापुड, प्रभारी निरीक्षक, ए०एच०टी०यू०, हापुड, सहायक श्रमायुक्त हापुड एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी हापुड एवं सम्मानित समितियों के सदस्य उपस्थित रहें।

- बैठक में सहायक श्रमायुक्त हापुड द्वारा जिलाधिकारी महोदय हापुड, अपर जिलाधिकारी, महोदय, हापुड एवं उपस्थित समस्त विभागों के अधिकारियों एवं अन्य पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए बैठक की शुरूआत की। सहायक श्रमायुक्त हापुड द्वारा बताया गया कि धारा-3 वं 3ए के अन्तर्गत 14 वर्ष एवं 14 से 18 वर्ष तक के बच्चे किशोर श्रमिकों को पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित किया गया है। यह भी बताया गया कि गैर खतरनाक प्रतिष्ठानों में कुछ विनियामक उपायों के साथ किशोर श्रमिकों का नियोजन हो सकता है, जिसमें उनसे लगातार 03 घंटों से ज्यादा कार्य नहीं लिया सकता है और किशोर श्रमिकों से ओवर टाईम का कार्य भी नहीं लिया जा सकता। सप्ताह में इन्हें 01 दिन अवकाश देना अनिवार्य है। किशोर श्रमिक नियोजित करने वाले सेवायोजकों को नियोजन के 30 दिन के भीतर क्षेत्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी/निरीक्षक को सूचना देना आवश्यक है। सेवायोजक किशोर श्रमिकों के नियोजन के सम्बन्ध में रजिस्टर भी तैयार करेगा, जिनमें उनकी जन्म तिथि, कार्य के घंटे, आराम का अन्तराल एवं कार्य की प्रकृति आदि का विवरण होगा। उक्त अधिनियम के अन्तर्गत यदि किसी व्यवसाय में बाल श्रमिकों का नियोजन किया जाता है तो धारा 3 एवं धारा ३ए के अन्तर्गत छः माह से अन्यून किन्तु 02 वर्ष तक का कारावास अथवा 20,000/- से अनाधिक किन्तु 50,000/-तक का अर्थदण्ड अथवा दोनों दण्ड अरोपित किये जाने का प्राविधान है।
- यदि सेवायोजक द्वारा धारा-3 एवं 3ए के अन्तर्गतगत अपराध की पुर्नावृत्ति की जाती है तो उसे 01 वर्ष से अनाधिक किन्तु 03 वर्ष तक का कारावास हो सकता है। इसके अतिरिक्त उक्त अधिनियम या नियमावली के किसी अन्य प्राविधान का उल्लंघन किया जाता है तो एक माह तक का साधारण कारावास या 10,000/- तक का अर्थदण्ड आरोपित किया जा सकता है। धारा-3 एवं 3ए के अन्तर्गत संज्ञेय अपराध है। रिट याचिका संख्या 465/86 एम०सी० मेहता बनाम तमिलनाडू राज्य एवं अन्य में मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 10.12.1996 दिये गये निर्देशों के अनुसार रू0 20,000/- प्रति बाल श्रमिक की दर से उनके नियोजकों से प्रतिकर के रूप में वसूली किये जाने के निर्देश दिये गये है। वसूलीकृत धनराशि को ब्याज अर्जक स्कीमों में बैंक में निवेश कर प्राप्त ब्याज सहित चिन्हित बाल श्रमिकों का पुर्नवासन किया जायेगा एवं बाल श्रमिकों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये उनके निवास के निकट स्कूलों में प्रवेश दिलाया जायेगा। बाल श्रमिकों के नियोजन रोकने के लिये भारत सरकार द्वारा पेंन्सिल पोर्टल विकसित किया गया है। जिसके माध्यम से कोई भी शिकायत Pensil.gov.in. पर चाईल्ड लाईन हेल्पालाईन नं0 1098 पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।

- सहायक श्रमायुक्त हापुड द्वारा बताया गया कि विगत वर्ष 2024-25 में जनपद में कुल 197 बाल एवं किशोर श्रमिक चिन्हित किये गये है। जिसमें से 182 नियोजको के सापेक्ष 153 के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। इसी प्रकार वर्ष 2025-26 में 35 बाल व किशोर श्रमिक चिन्हित किये गये है। जिसमें से 35 नियोजको के सापेक्ष 15 नियोजको के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है, शेष पर कार्यवाही विचाराधीन है। 24 बच्चों को विद्यालय में प्रवेशित कराते हुए शैक्षिक पुनर्वासन किया है, 03 बच्चों को जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा संचालित योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से आच्छादित किया गया है।
- जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देश दिये गये कि एन०सी०पी०सी०आर० के निर्देशानुसार तहसीलवार टीम का गठन कर अभियान चलाया जा रहा है, उक्त अभियान उप जिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी टीम के साथ स्वयं जाकर औद्योगिक क्षेत्रों में आगामी 07 दिवस में स्पेशल ड्राइव चलाते हुए अधिक से अधिक बाल व किशोर श्रमिको को चिन्हित करते हुए दोषी सेवायोजको के खिलाफ कार्यवाही की जायें तथा चिन्हित बाल व किशोर श्रमिको का उनके शैक्षिक पुनर्वासन एवं उनके परिवार के आर्थिक पुनर्वासन कराये जाने सम्बन्धी अग्रिम कार्यवाही की जाये तथा ईट-भटट्टो आदि पर निरीक्षण / सर्वेक्षण करते हुए बंधुआ श्रमिक को अवमुक्त कराते हुए नियमानुसार पुनर्वासन की कार्यवाही भी अपनायी जायें तथा यदि कोई बच्चा बंधुआ रम करता पाया जाता
- है तो बंधुआ श्रम अधिनियम 1976 के तहत भी कार्यवाही की जाए। अन्त में सहायक श्रमायुक्त हापुड द्वारा बैठक में उपस्थित प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए बैठक का समापन किया गया।
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