Exposed the truth : हापुड़ आबकारी विभाग की लापरवाही से तय समय से पहले बिक रही शराब, वायरल वीडियो ने खोली पोल ?

Exposed the truth : हापुड़ आबकारी विभाग की लापरवाही से तय समय से पहले बिक रही शराब, वायरल वीडियो ने खोली पोल

Exposed the truth : हापुड़ आबकारी विभाग की लापरवाही से तय समय से पहले बिक रही शराब, वायरल वीडियो ने खोली पोल ?
Exposed the truth : हापुड़ आबकारी विभाग की लापरवाही से तय समय से पहले बिक रही शराब, वायरल वीडियो ने खोली पोल ?

हापुड़ (उत्तर प्रदेश)

  • जिले में आबकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं और विभाग की लापरवाही के चलते शराब माफिया खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। ताजा मामला हापुड़ के बुलन्दशहर रोड स्थित चितौली रोड का है, जहां देशी शराब के ठेके पर तय समय से पहले ही शराब बेची जा रही है। खास बात यह है कि यह सब चोरी-छिपे नहीं, बल्कि बेधड़क किया जा रहा है। एक वायरल वीडियो ने पूरे प्रकरण की पोल खोल दी है, जिसमें एक सेल्समैन सुबह के वक्त शराब बेचते हुए कैमरे में कैद हो गया है।
  • यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक महकमे में भी हलचल मच गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या विभाग खुद इस मिलीभगत में शामिल है, या फिर लापरवाही इतनी हद तक पहुंच चुकी है कि नियम-कानून केवल कागज़ों तक सीमित रह गए हैं?

क्या कहता है नियम?

  • उत्तर प्रदेश आबकारी नीति के अनुसार शराब की दुकानों को प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से पहले खोलने की अनुमति नहीं होती। तय समय से पहले शराब की बिक्री न केवल गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत हानिकारक मानी जाती है। इसका उद्देश्य यह है कि शराब की लत को नियंत्रित किया जा सके और सार्वजनिक व्यवस्था बनी रहे।
  • लेकिन चितौली रोड स्थित इस देशी शराब के ठेके पर नियमों की कोई परवाह नहीं की जा रही। वीडियो में देखा जा सकता है कि सुबह करीब 7 बजे ही सेल्समैन शराब बेच रहा है, और ग्राहक वहां पहले से खड़े हैं। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

वायरल वीडियो में क्या है?

  • वायरल वीडियो में एक व्यक्ति, जो कि शराब ठेके का कर्मचारी बताया जा रहा है, शराब की बोतलें ग्राहकों को सौंपते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में सूरज की हल्की रोशनी और वातावरण से स्पष्ट होता है कि यह समय सुबह का है। ग्राहक शराब के बदले नकदी दे रहे हैं, और सेल्समैन बिना किसी डर के उन्हें बोतलें सौंप रहा है। न कोई गेट बंद है, न कोई पर्दा। ठेका पूरी तरह से चालू है।
  • वीडियो में शराब के कार्टन खुले पड़े हैं और दुकानदार बेधड़क बिक्री कर रहा है। यह दर्शाता है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि नियमित प्रक्रिया बन चुकी है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

  • इस घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में रोष है। लोगों का कहना है कि शराब की दुकान सुबह-सुबह खुलने से मोहल्ले का माहौल खराब हो रहा है। नशे में धुत्त लोग गलियों में घूमते हैं, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों और महिलाओं को परेशानी होती है।
  • एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कई बार पुलिस और आबकारी विभाग को इस बारे में सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्टा ठेके के कर्मचारी धमकी देते हैं कि ज्यादा बोले तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।”

क्या कहता है आबकारी विभाग?

  • घटना के बाद जब मीडिया द्वारा आबकारी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो पहले तो उन्होंने वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाया। बाद में कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। कई बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने आंखें मूंद ली हैं।
  • ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विभाग की मूक स्वीकृति भी इस गड़बड़ी में शामिल है? क्या आबकारी कर्मी और ठेकेदारों के बीच कोई ‘समझौता’ है, जिसके चलते यह सब हो रहा है?

नशे की लत और सामाजिक प्रभाव

  • इस तरह की घटनाएं केवल नियमों के उल्लंघन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसके गहरे सामाजिक दुष्परिणाम भी हैं। तय समय से पहले शराब की उपलब्धता का सीधा असर युवाओं और मजदूर वर्ग पर पड़ता है, जो सुबह से ही शराब के आदी हो जाते हैं। नशे की यह आदत धीरे-धीरे परिवारों को तोड़ देती है, आर्थिक बर्बादी लाती है और समाज में अपराध की दर को भी बढ़ाती है।

पुलिस की भूमिका पर भी उठते सवाल

  • इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद थाना क्षेत्र की पुलिस भी मौन है। चितौली रोड हापुड़ शहर का व्यस्त इलाका है और पुलिस गश्त यहां आम बात है। ऐसे में पुलिस को इस ठेके की समय से पहले होने वाली बिक्री के बारे में जानकारी न होना, समझ से परे है। कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस भी अपनी “हफ्ता वसूली” के एवज में आंखें मूंदे बैठी है।

प्रशासन से उम्मीद और मांग

  • अब यह मामला केवल एक शराब ठेके की लापरवाही का नहीं रहा, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था की साख से जुड़ा हुआ प्रश्न बन गया है। लोगों की मांग है कि:
  1. वायरल वीडियो की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

  2. संबंधित ठेकेदार के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

  3. आबकारी विभाग के दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही हो।

  4. स्थानीय थाना प्रभारी से जवाबदेही तय की जाए।

  5. हर शराब दुकान पर CCTV और समयबद्ध बिक्री सुनिश्चित करने की डिजिटल व्यवस्था हो।

निष्कर्ष:

  • चितौली रोड पर हुआ यह मामला एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे प्रशासनिक लापरवाही और विभागीय मिलीभगत से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सुबह तय समय से पहले शराब बेचना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक रूप से भी एक गंभीर अपराध है। आबकारी विभाग की निष्क्रियता और पुलिस की चुप्पी इस पूरे मामले को और गंभीर बना देती है।
  • यदि अब भी इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह लापरवाही अन्य क्षेत्रों में भी ‘आदर्श’ बन सकती है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। प्रशासन को चाहिए कि वह उदाहरण प्रस्तुत करे — ताकि कोई भी व्यक्ति यह न समझे कि कानून सिर्फ किताबों में है, अमल में नहीं।

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News Editor- (Jyoti Parjapati)

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