Land fraud exposed : सहारनपुर में करोड़ों की जमीन का फर्जीवाड़ा उजागर, कैबिनेट मंत्री के बेटे समेत 32 पर मुकदमा दर्ज

फर्जी दस्तावेजों से की गई करोड़ों की जमीन की बिक्री, खुला बड़ा घोटाला
- सहारनपुर जनपद के गांव दबाकी जुनादार में एक कृषि भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने का आरोप सामने आया है। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद थाना देहात कोतवाली में कुल 32 लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपितों में प्रदेश सरकार के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री के बेटे का नाम भी शामिल है, जिससे यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
- पीड़ित सनी भाटिया, जो वर्तमान में नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में निवास करते हैं, ने बताया कि उनके पिता अरुण भाटिया के नाम पर यह जमीन दर्ज थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों और भू-माफियाओं ने मिलकर फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर यह जमीन 2000 में अवैध रूप से हस्तांतरित कर दी और फिर उसे प्लॉटिंग कर कई लोगों को बेच दिया गया।
पारिवारिक विश्वास का किया गया दुरुपयोग, मिली धमकी
- सनी भाटिया ने अपनी शिकायत में बताया कि इस पूरी साजिश के पीछे उनके चाचा अनिल भाटिया और चचेरे भाई सचिन भाटिया शामिल हैं। उनके अनुसार, 7 नवंबर 2000 को फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की गई, जिसके आधार पर 12,500 वर्ग गज भूमि को खुर्द-बुर्द कर दिया गया।
- जब सनी भाटिया को इस धोखाधड़ी की जानकारी हुई और उन्होंने अपनी संपत्ति की जांच-पड़ताल शुरू की, तब उनके चाचा ने उन्हें सहारनपुर न आने की चेतावनी दी। इतना ही नहीं, उन्हें भू-माफियाओं से जान का खतरा बताया गया और मुस्तकीम नामक व्यक्ति के माध्यम से फर्जी मुकदमे में फंसाने की कोशिश की गई।
- पीड़ित ने बताया कि यह मामला सिर्फ संपत्ति का ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत सुरक्षा और पारिवारिक विश्वासघात से भी जुड़ा हुआ है, जो कि कानूनी रूप से बेहद गंभीर मामला बनता है।
कोर्ट परिसर में धमकी, प्रशासन से सुरक्षा की मांग
- सनी भाटिया ने बताया कि इस मामले की 8 जुलाई 2025 को न्यायालय में सुनवाई थी, लेकिन उसी दिन उन्हें कोर्ट परिसर के बाहर जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने इस घटना की जानकारी प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को दे दी है।
- उनका कहना है कि यह धमकी दर्शाती है कि इस घोटाले में शामिल लोग प्रभावशाली और संगठित हैं। ऐसे में उन्हें और उनके परिवार को लगातार जान का खतरा बना हुआ है। सनी ने प्रशासन से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है, ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके और भविष्य में कोई और व्यक्ति इस प्रकार के जाल में न फंसे।
पूर्व मंत्री ने बताया स्वयं को निर्दोष, मामले से पल्ला झाड़ा
- इस पूरे प्रकरण में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें से कई राजनीतिक और सामाजिक रूप से प्रभावशाली हैं। नामजद लोगों में अनिल भाटिया, सचिन भाटिया, मुस्तकीम, राज भाटिया, शकुंतला भाटिया, सुरेश गुप्ता, राजीव धींगरा, सहित अन्य 32 नाम शामिल हैं। इनमें से कुछ नामों को दो अलग-अलग मामलों में आरोपी बताया गया है।
- इस बीच मामले में घसीटे गए प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्टर धर्म सिंह सैनी ने स्पष्ट किया है कि उनका या उनके परिवार का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की राजनीतिक दुर्भावना से उनका नाम घसीटा जा रहा है, और वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।
निष्कर्ष:
- सहारनपुर में सामने आया यह जमीन घोटाला संपत्ति विवाद, पारिवारिक विश्वासघात और भू-माफिया गठजोड़ का एक बड़ा उदाहरण है। जहां एक ओर वर्षों पुरानी जमीन पर अवैध कब्जा और बिक्री से करोड़ों का नुकसान हुआ, वहीं दूसरी ओर यह मामला एक कानूनी और सामाजिक चेतावनी भी है कि संपत्ति मामलों में सतर्कता बरतना कितना जरूरी है। प्रशासन और न्यायपालिका की सख्ती ही इस तरह के जमीन माफिया नेटवर्क पर अंकुश लगा सकती है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)