Minister Swami Prasad : विवादित बयान देने के मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश

मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश
- वाराणसी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ)/ एमपी-एमएलए कोर्ट, नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने विवादित बयान देने के मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश प्रार्थी अधिवक्ता अशोक कुमार के दाख़िल 156(3) के प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता नदीम अहमद खान की पुनः बहस सुनकर स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध थानाध्यक्ष कैंट को आदेशित किया कि वह समुचित धाराओं में अभियोग (F.I.R.) पंजीकृत कर नियमानुसार विवेचना करे। अदालत में वादी अशोक कुमार की ओर से अधिवक्ता नदीम अहमद खान, मनोज कुमार व विवेक कुमार ने पक्ष रखा।
- प्रकरण के अनुसार 22 जनवरी 2023 को एक इंटरव्यू में स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास रचित श्री रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस को करोड़ों करोड़ों हिंदू नहीं पढ़ते, यह सब बकवास है, तुलसीदास ने इसे अपनी प्रसन्नता के लिए लिखा है, इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि या तो इस पुस्तक से आपत्तिजनक शब्द हटा दिए जाएं या फिर इस पुस्तक को पूरी तरह बैन कर दिया जाए। यह बयान मिडिया चैनलों व अखबारों में 22 और 23 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित हुआ। इस पर आहत होकर अधिवक्ता अशोक कुमार ने 24 जनवरी को ऐ. सी. जे. एम. (प्रथम)/ एम. पी.-एम. एल. ए. कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाख़िल किया जिसे अदालत ने 17 अक्टूबर 2023 को ख़ारिज कर दिया था।
Minister Swami Prasad : विवादित बयान देने के मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश ? - निचली अदालत के आदेश से क्षुब्ध होकर अधिवक्ता अशोक कुमार ने ज़िला जज वाराणसी के यहाँ आपराधिक पुनरीक्षण याचिका (रिवीजन संख्या 330/2023) दाख़िल की, जो स्थानांतरित होकर विशेष न्यायाधीश एमपी. एमएलए. कोर्ट यजुवेन्द्र विक्रम सिँह की अदालत में आयी। जिसपर विपक्षी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से लिखित आपत्ति भी दाख़िल की गयी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर पत्रावली व साक्ष्य देखकर दुबारा पत्रावली पुनरीक्षण न्यायालय द्वारा विचारण न्यायालय को इस निर्देश के साथ प्रेषित किया कि निगरानी न्यायालय के निर्णय के अलोक में पुनः सुनवाई कर विधि अनुसार आदेश पारित करें। जिसपर विचारण अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ)/ एमपी-एमएलए कोर्ट, नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने प्रार्थी अधिवक्ता अशोक कुमार के दाख़िल 156 (3) के प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता की पुनः बहस सुनकर स्वामी प्रसाद मौर्य के विरुद्ध समुचित धाराओं में अभियोग (F.I.R.) पंजीकृत करने का आदेश दिया।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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