Negligence : सरकारी योजनाएं बेकार जब लापरवाही से जान जाए, जिम्मेदार कौन होगा उस मौत का

सरकारी योजनाएं जान बचाने के लिए होती हैं, मगर जब उन योजनाओं का लाभ लेने अस्पताल पहुँची एक महिला गुड़िया गौड़ खुद ही अस्पताल की लापरवाही की भेंट चढ़ जाए तो सवाल सिर्फ एक उठता है:
यह अस्पताल चला कौन रहा है डॉक्टर या जल्लाद?
मौत की वजह — पानी नहीं, करंट था!
घटना जौनपुर के नईगंज क्षेत्र स्थित ट्यूलिप हॉस्पिटल की है, जहाँ गुड़िया गौड़ (35), अपनी बीमार सास को इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड के माध्यम से भर्ती करवा कर, उनकी तीमारदारी के लिए रुकी थीं।
बीते दिन जब गुड़िया अस्पताल परिसर में लगे वाटर कूलर से पानी लेने गईं, तो वो करंट की चपेट में आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वहां पहले से डीप फ्रीजर और वाटर कूलर में करंट उतर रहा था, और अस्पताल को इसकी जानकारी पहले ही कई बार दी जा चुकी थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
करंट की शिकायत पहले से थी परिजनों का आरोप
गुड़िया के परिजनों ने बताया कि
अस्पताल में हर ओर अव्यवस्था फैली है। ना तीमारदारों के लिए बैठने की जगह है, ना ही साफ-सफाई। अस्पताल पूरी तरह से कंजेस्टेड है। जनरेटर के ठीक पीछे वाटर कूलर लगा है जिसमें लंबे समय से करंट उतर रहा था। इसकी शिकायत कई लोगों ने की थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। यही लापरवाही गुड़िया की जान ले गई।”
डॉक्टरों ने किया पल्ला झाड़ने का प्रयास
जब हादसे के बाद शोर मचा, तो महिला को आनन-फानन में वहां से हटाया गया और ट्यूलिप हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने सीधा जवाब दे दिया —

इसे तुरंत ज़िला अस्पताल ले जाइए।
ना प्राथमिक उपचार, ना CPR, ना किसी डॉक्टर की कोशिश —
बस पल्ला झाड़ लिया गया, जैसे कि इंसान नहीं, कोई मशीन फेल हो गई हो।
किसकी ज़िम्मेदारी है ये मौत?
यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं है
यह एक संस्थागत हत्या (institutional murder) है, जिसमें लापरवाही, गैर-जिम्मेदारी और संवेदनहीनता तीनों बराबर की भागीदार हैं।
इस मामले में कई सवाल खड़े होते हैं
1. क्या जनरेटर और वाटर कूलर के बीच सुरक्षा दूरी का कोई मापदंड नहीं है?
2. यदि करंट उतरने की शिकायत पहले से थी, तो उसे नजरंदाज क्यों किया गया?
3. अस्पताल में सुरक्षा और इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्शन का जिम्मा किसका है?
4. क्या आयुष्मान भारत योजना के नाम पर घटिया सुविधाएं देकर मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है?
DM और CMO क्या कर रहे हैं?
अब समय है कि जौनपुर जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर संज्ञान लें:
ट्यूलिप हॉस्पिटल की सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्था की जांच करवाई जाए।
संबंधित डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी और तकनीकी कर्मियों पर आपराधिक मामला दर्ज हो।
मृतक के परिवार को मुआवज़ा और न्याय मिले।
आख़िर में सवाल वही – क्या जान इतनी सस्ती हो गई है?
एक महिला जो सिर्फ़ अपनी सास की देखभाल करने अस्पताल गई थी —
क्या उसकी मौत सिर्फ एक ‘दुर्घटना’ है?
या फिर यह हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की सड़ांध का आईना है?
जब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती, ये घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
अब नहीं तो कब?
कब तक अस्पतालों में ऐसी मौतें होती रहेंगी और सिस्टम चुप रहेगा?
हम सवाल पूछते रहेंगे, जवाब माँगते रहेंगे — क्योंकि ये सिर्फ गुड़िया गौड़ की मौत नहीं थी… यह हम सबके भरोसे की हत्या थी।
बाइट मृतक का देव
News Editor- (Jyoti Parjapati)
सभी समाचार देखें सिर्फ अनदेखी खबर सबसे पहले सच के सिवा कुछ नहीं ब्यूरो रिपोर्टर :- अनदेखी खबर ।
YouTube Official Channel Link:
https://youtube.com/@atozcrimenews?si=_4uXQacRQ9FrwN7q
YouTube Official Channel Link:
https://www.youtube.com/@AndekhiKhabarNews
Facebook Official Page Link:
https://www.facebook.com/share/1AaUFqCbZ4/
Whatsapp Group Join Link:
https://chat.whatsapp.com/KuOsD1zOkG94Qn5T7Tus5E?mode=r_c
अनदेखी खबर न्यूज़ पेपर भारत का सर्वश्रेष्ठ पेपर और चैनल है न्यूज चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। अनदेखी खबर न्यूज चैनल की लाइव खबरें एवं ब्रेकिंग न्यूज के लिए हमारे चैनल को Subscribe, like, share करे।
आवश्यकता :- विशेष सूचना
(प्रदेश प्रभारी)
(मंडल प्रभारी)
(जिला ब्यूरो प्रमुख)
(जिला संवाददाता)
(जिला क्राइम रिपोर्टर)
(जिला मीडिया प्रभारी जिला)
(विज्ञापन प्रतिनिधि)
(तहसील ब्यूरो)
(प्रमुख तहसील संवाददाता