जिलाधिकारी की पहल से कलेक्ट्रेट परिसर में सहजन (मोरिंगा) पौधे का वितरण, एक स्वास्थ्य और पोषण अभियान

पौधे का वितरण और जागरूकता की शुरुआत
कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने फरियादियों एवं वादकारियों को सहजन के पौधे वितरित किए। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि यह पौधा किस तरह विटामिन A, B, C, आयरन, कैल्शियम और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, और इसमें एंटीबायोटिक व एंटीडायबिटिक गुण भी मौजूद हैं। उन्होंने इसके औषधीय महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसका पत्ता काढ़े के रूप में और फली सब्जी के रूप में उपयोगी है।
उन्होंने आगे कहा कि जल जनपद में सहजन के उपयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि इसका पोषण का लाभ जन-जन तक पहुंचे। विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में कुपोषण की समस्या और गठिए जैसे रोगों में इसका सेवन लाभकारी है। जिलाधिकारी ने जनता से अपील की कि वे एक पेड़ मां के नाम जरूर लगाएं—यह संदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से भी जुड़े हुए है।
पोषण और स्वास्थ्य के लाभ
स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के अनुसार, सहजन एक सुपरफूड है। इसकी पत्तियों में संतुलित मात्रा में विटामिन A, B‑कॉम्प्लेक्स, C और उच्च मात्रा में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और फाइबर होता है।
इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं—जैसे क्वेर्सेटिन और क्लोरोजेनीक एसिड—जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, सूजन कम करते हैं और मायोकार्डियल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं
इसके सेवन से पोषण सुरक्षा, खून की कमी (एनीमिया) तथा हड्डियों की मजबूती में सुधार होता है। महिला एवं बच्चों में कैल्शियम और आयरन की कमी दूर करने में यह अत्यंत लाभदायक है। पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज़ में भी राहत मिलती है, क्योंकि इसमें पर्याप्त फाइबर पाया जाता है ।
स्थानीय और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के साथ समन्वय
उत्तर प्रदेश सरकार ने पोषण सुरक्षा और सतत कृषि की रणनीति के तहत बड़े पैमाने पर मोरिंगा की खेती और पौधारोपण को बढ़ावा दिया है। विशेष रूप से निम्न आय वर्ग और आवास योजनाओं के लाभार्थियों के लिए इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी तरह अन्य जिलों में, जैसे वारणसी में, स्वास्थ्य केंद्रों में सहजन के वृक्ष लगाए गए हैं ताकि कुपोषण मुक्ति को बढ़ाया जा सके
राजस्थान के चुरू जिले में ग्रामीण स्तर पर 18,000 बालिकाओं में एनीमिया घटाने के लिए मोरिंगा पर आधारित पोषण अभियान चलाया गया, जिसमें पौधरोपण के साथ जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए
पौधे लगाने एवं उपयोग करने की सलाह
जिलाधिकारी ने सभी जनपदवासियों से आग्रह किया कि वे सहजन के पौधे लगाएं और उसका उपयोग अपने दैनिक भोजन में करें। इस पहल को सफल बनाने हेतु वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी—शालिनी चौरसिया (वन अधिकारी), राजेन्द्र प्रसाद यादव (वन दरोगा), अमन यादव (वन रक्षक)—इत्यादि उपस्थित रहे, जिन्होंने वितरण में सहयोग दिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से बड़े पैमाने पर वृहद पौधरोपण अभियान चला है, जिसमें हर नागरिक को “एक पेड़ मां के नाम” लगाने की अपील की गई है।
निष्कर्ष: स्वास्थवर्धक अभियान की दिशा
इस पहलकदमियों से स्पष्ट होता है कि पौधरोपण केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे स्वास्थ्य, पोषण, कृषि और सामुदायिक जागरूकता से जोड़ा जा रहा है। सहजन जैसे पौधे न केवल कुपोषण को दूर करने में सहायक हैं, बल्कि उनकी स्थायी खेती से स्थानीय आय, पशुपालन और पारिवारिक पोषण में सुधार संभव है।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की पहल, स्थानीय वन और स्वास्थ्य विभाग की भागीदारी, और राज्य स्तरीय पोषण नीति संगत इस परियोजना को सामुदायिक स्तर पर असरदार और लंबे समय तक टिकाऊ बनाती है। इससे न केवल आज की पीढ़ी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का स्वास्थ्य और पोषण स्तर बेहतर बन सकेगा।
इस प्रकार, सहजन के पौधों का वितरण एक सूक्ष्म किंतु व्यापक प्रभाव वाला कदम है, जो समाज को स्वास्थ्य की दिशा में प्रेरित करता है और भूमि, पोषण तथा पर्यावरण के बीच सकारात्मक समन्वय स्थापित करता है।
हमारे आदर वेबसाइट जैसे युटुब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, इत्यादि लिंक पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। लाइक, शेयर, सब्सक्राइब, करना करना ना भूले और अगर आपको लगता है कुछ एडवाइस देना चाहे तो वह भी सेंड करें।
follow us on
http://www.youtube.com/@AndekhiKhabarNews
https://www.facebook.com/profile.php?id=61562253072823
https://www.instagram.com/sa_chinkumar1185/
https://andekhikhabar.com/
https://x.com/home
News Editor- (Jyoti Parjapati)