Pets are also at risk : मोहण्ड जंगल में शिकारियों की हलचल, वन्य जीवों के साथ पालतू जानवर भी खतरे में

बिहारीगढ़, 24 जुलाई 2025:
बिहारीगढ़ क्षेत्र के मोहण्ड जंगल से एक बार फिर शिकारी गतिविधियों की खबरें सामने आई हैं। बीती रात जंगल में संदिग्ध आहट और गोलियों की आवाजों से वन क्षेत्र में दहशत फैल गई। इस दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, जब एक वन गुर्जर की पालतू भैंस शिकारी की गोली का शिकार हो गई।
गंभीर रूप से घायल भैंस इस समय न चल पा रही है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना ने न केवल वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अब पालतू जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।
वन गुर्जर ने शिकारी हमले की दी शिकायत, निष्पक्ष जांच की मांग
घटना से आहत पीड़ित वन गुर्जर ने तुरंत पुलिस चौकी मोहण्ड पर शिकायती पत्र देकर पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बीती रात को जंगल से गोलियों की आवाज आई, जिससे वे चौंक गए। सुबह जब वह अपनी भैंस के पास पहुंचे, तो वह लहूलुहान हालत में ज़मीन पर गिरी हुई थी।
वन गुर्जर का आरोप है कि यह गोली शिकारियों द्वारा चलाई गई थी, जो संभवतः किसी जंगली जानवर को निशाना बना रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी पालतू भैंस उस गोली का शिकार हो गई। उन्होंने घटना की पूरी जानकारी वन विभाग व पुलिस को देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग सक्रिय, आज शाम होगी वन गुर्जरों के साथ बैठक
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन क्षेत्राधिकारी मोहण्ड लव सिंह ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि वन विभाग इस मामले को लेकर सतर्क है और आज शाम वन गुर्जरों के साथ एक बैठक आयोजित की जा रही है।
इस बैठक में न केवल इस घटना पर चर्चा होगी, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा। वन विभाग द्वारा मौके की जांच के लिए टीम भेजी जा चुकी है, जो घटनास्थल से साक्ष्य जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेगी। लव सिंह ने कहा कि शिकारियों की गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए क्षेत्र में गश्त भी बढ़ाई जाएगी।
बढ़ती शिकारी घटनाएं वन्यजीव और ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी
मोहण्ड जंगल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में शिकारियों की बढ़ती गतिविधियाँ न केवल वन्य जीवों, बल्कि ग्रामीणों और उनके पालतू जानवरों के लिए भी गंभीर खतरा बन रही हैं। हाल के महीनों में क्षेत्र से कई बार शिकार की खबरें सामने आ चुकी हैं, लेकिन शिकारियों तक पहुंचने में प्रशासन को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है।
इस ताजा घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था और निगरानी तंत्र की गंभीरता पर भी सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते वन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से सक्रियता नहीं दिखाई गई, तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति होती रहेगी।
ग्रामीणों और वन गुर्जरों की मांग है कि वन क्षेत्र में ड्रोन निगरानी, रात्रिकालीन गश्त और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्थायी वन सुरक्षा चौकियाँ स्थापित की जाएं।
निष्कर्ष
मोहण्ड के जंगल में वन गुर्जर की भैंस को गोली लगना एक चिंताजनक संकेत है कि किस प्रकार शिकारियों के हौसले बुलंद हैं और सुरक्षा व्यवस्थाएं कमजोर साबित हो रही हैं। वन विभाग और पुलिस प्रशासन को इस दिशा में तुरंत और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि ना केवल वन्यजीवों की रक्षा हो सके, बल्कि जंगल के आस-पास रहने वाले ग्रामीण और उनके पशु भी सुरक्षित रह सकें।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब समय आ गया है कि जंगल सुरक्षा को केवल वन्यजीवों तक सीमित न रखकर, मानवीय पहलुओं और ग्रामीणों की सुरक्षा के दायरे में भी लाया जाए।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)