Ready for flight : ब्रिटेन का F-35B फाइटर जेट तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से उड़ान को तैयार

- पिछले 5 सप्ताह से केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा ब्रिटेन का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-35B अब उड़ान भरने को पूरी तरह तैयार है। मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को यह फाइटर जेट आखिरकार अपनी वापसी की उड़ान भरेगा। इस लड़ाकू विमान को 5 हफ्ते पहले तकनीकी खराबी के कारण आपात स्थिति में तिरुवनंतपुरम में लैंड करना पड़ा था। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के अनुसार, विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में आई गंभीर समस्या के चलते यह उड़ान जारी नहीं रख सका था, जिसके बाद इसे भारत में लैंडिंग की अनुमति मांगी गई थी। भारतीय वायुसेना ने तुरंत मदद करते हुए सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करवाई थी।
हाइड्रोलिक सिस्टम में आई थी खराबी, पांच हफ्ते तक चला मरम्मत कार्य
- F-35B, जो कि ब्रिटेन की 5वीं पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, अपनी तकनीकी खूबियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। परंतु, हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी ने इस अत्याधुनिक मशीन को भी मजबूर कर दिया। विमान की आपात लैंडिंग के तुरंत बाद उसे हवाई अड्डे के सैन्य हैंगर में खड़ा किया गया और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए। इसके बाद ब्रिटेन से एक विशेष तकनीकी दल भेजा गया जिसमें कुल 24 सदस्य शामिल थे। इस टीम ने भारत में रहते हुए लगातार दिन-रात काम कर विमान की मरम्मत की। इसके लिए अत्याधुनिक उपकरण इंग्लैंड से मंगवाए गए और हर तकनीकी पहलू की गहराई से जांच की गई। इतना ही नहीं, विमान को बीच में ईंधन भी दिया गया था, लेकिन तब भी तकनीकी खामी के चलते यह उड़ान भरने में असमर्थ रहा। मरम्मत प्रक्रिया के दौरान भारतीय वायुसेना और डीआरडीओ के कुछ विशेषज्ञों ने भी सहायता और निगरानी का कार्य किया। अब जब परीक्षण सफल रहे हैं, तब जाकर इसे मंगलवार को उड़ान भरने की मंजूरी दी गई है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कर रहा था मिशन, भारत के साथ लिया था संयुक्त अभ्यास में हिस्सा
- F-35B का भारत में उतरना मात्र एक तकनीकी घटना नहीं थी, बल्कि इसका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात रहना एक रणनीतिक महत्व का संकेत भी देता है। यह फाइटर जेट भारत के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी भाग ले चुका है, जहां इसकी वर्टिकल टेक-ऑफ क्षमता, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशन, और उच्च गति पर रडार से बचने की विशेषताएं देखी गई थीं। यह विमान एकल इंजन से संचालित होता है और हेलीकॉप्टर की तरह सीधा ऊपर उड़ सकता है, जो इसे विशेष परिस्थितियों में तैनात करने के लिए आदर्श बनाता है। F-35B का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि यह न केवल युद्धक क्षमताओं में अत्यधिक प्रभावी है बल्कि इसे नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर्स से भी लॉन्च किया जा सकता है। इस घटना के बाद भारत और ब्रिटेन के रक्षा सहयोग में एक नया आयाम जुड़ गया है। यह दिखाता है कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग कितना व्यावहारिक और सक्रिय हो चुका है।
भारत में आपात लैंडिंग ने दिखाया रणनीतिक सहयोग और तकनीकी विशेषज्ञता
इस घटना ने भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा और तकनीकी सहयोग के एक नए अध्याय को जन्म दिया है। जहां एक ओर भारत ने ब्रिटिश विमान को सुरक्षित लैंडिंग की सुविधा दी, वहीं दूसरी ओर यह पूरी प्रक्रिया भारत की तकनीकी दक्षता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। भारतीय वायुसेना ने जिस प्रकार समय रहते और कुशलता से लैंडिंग में सहायता की, वह न केवल सैन्य कौशल का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय रक्षा मामलों में एक भरोसेमंद भागीदार बन चुका है। ब्रिटेन की तकनीकी टीम ने भी भारत की भूमिका की खुले तौर पर सराहना की है। मरम्मत प्रक्रिया के दौरान एयरपोर्ट प्रशासन, सुरक्षा बलों, और तकनीकी संस्थानों ने जिस समन्वय से काम किया, वह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि कही जा सकती है।
- निष्कर्ष:
ब्रिटेन का F-35B फाइटर जेट अब भारत से रवाना होने को तैयार है, लेकिन इसके पीछे की कहानी केवल तकनीकी खराबी की नहीं, बल्कि रणनीतिक सहयोग, अंतरराष्ट्रीय मित्रता और तकनीकी दक्षता की भी है। भारत ने एक बार फिर दिखाया है कि वह वैश्विक मंच पर एक सक्षम और विश्वसनीय रक्षा भागीदार है।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)