Sanjay Kumar : कारगिल युद्ध के महानायक परमवीर चक्र विजेता, सूबेदार मेजर संजय कुमार की वीरगाथा

- करगिल युद्ध:- में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में भारत की विजय के 23 वर्ष पूरे साल होने जा रहे हैं। 26 जुलाई 1999 को करगिल जंग में भारत ने जीत का झंडा लहराया था और लड़ाई को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया था। इस युद्ध के दौरान माँ भारती के वीर सपूतों ने जिस तरह से अदम्य साहस, वीरता, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया उसी के कारण यह जीत मुमकिन हो पाई।कारगिल युद्ध के महानायक, अदम्य साहस, और वीरता का परिचय देने वाले, परम वीर चक्र सम्मानित मां भारतीय के अमर सपूत शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन, “ये दिल मांगे मोर” का उदघोष करने वाले निडर साहसी योद्धा के सर्वोच्च बलिदान को युगों युगों तक याद रखा जाएगा।
प्वाइंट 4875 को मुक्त कराने की मिली जिम्मेदारी
- परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर संजय कुमार ने ‘जम्मू-कश्मीर राष्ट्रिय राइफल्स’ की 13वीं बटालियन में एक युवा राइफलमैन के रूप में अपनी सेवा को शुरू किया था। 4 जुलाई, 1999 को ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) के दौरान संजय कुमार के दल को ‘मुशकोह घाटी’ (Mushkoh Valley) में प्वाइंट 4875 को पाक सैनिकों से मुक्त कराने का काम सौंपा गया। ऑटोमेटिक हथियारों से लैस दुश्मनों की भारी गोलाबारी के बीच भारतीय सेना की टुकड़ी का जब हमला रुकने लगा तो राइफलमैन कुमार ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए दुश्मन पर सीधा हमला बोल दिया।
आमने-सामने की लड़ाई में 3 पाक सैनिकों को उतारा मौत के घाट
- इसके बाद आमने-सामने की लड़ाई में संजय कुमार ने 3 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया। परंतु इस हमले में गोली लगने के कारण वो गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल होने के बावजूद उन्होंने दुश्मन की दूसरी पोजीशन पर भी हमला किया। हमला होता देख पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी जान बचाते हुए भाग निकले हालांकि इस बीच पाक सैनिकों ने एक यूनिवर्सल मशीन गन (UMG) को पीछे छोड़ दिया और भागना शुरू कर दिया।
यूएमजी से की थी बड़ी कार्रवाई
- सूबेदार संजय कुमार ने पास में पड़े यूएमजी को उठाया और भागते हुए पाक सैनिकों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार डाला। हालांकि, उनका काफी खून बह रहा था, लेकिन उन्होंने लड़ाई से बाहर निकलने से इनकार कर दिया। उनकी बहादुरी भरी कार्रवाई ने उनके साथियों को हौसला दिया। इसके बाद संजय कुमार और उनकी बटालियन ने दुर्गम पहाड़ी इलाके की परवाह किए बगैर पाक सैनिकों पर हमला किया और दुश्मनों से प्वाइंट 4875 को मुक्त कराकर तिरंगा फहराया। सूबेदार संजय कुमार की बहादुरी और वीरता के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)