Traffic rule violations : यूपी में ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर सख्त बड़ी कार्रवाई: 3 लाख RC रद्द, करीब 60 हज़ार DL निलंबित

- उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रैफिक नियम के उल्लंघन और ₹5,000 करोड़ से अधिक बकाया चालानों के खिलाफ एक बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की है। इस अभियान में 3 लाख से अधिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन (RC) कैंसिल करने और करीब 58,893 ड्राइविंग लाइसेंस (DL) निलंबित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
दोषियों की पहचान: कोर्ट केस के बहाने चालान पर चुप्पी
- पुलिस अधिकारियों के अनुसार, उन ड्राइवरों और वाहन मालिकों की पहचान की जा चुकी है, जो ट्रैफिक चालान के बावजूद कोर्ट के समक्ष आते रहते हैं—लेकिन चालान जमा नहीं करते। ऐसे लोग सामान्यतः न्याय प्रणाली में देरी का फायदा उठाकर बकाया राशि भरने से बचते रहे हैं, जिससे यह अवैध प्रथा बन गई थी। अब 20 जिलों में विशेष अभियान चलाकर इसका प्रभावी समाधान किया जाएगा
हादसों के हॉटस्पॉट: लखनऊ, कानपुर से नोएडा तक मामलों की घटा
- यातायात निदेशालय ने उन 20 जिलों की पहचान की है जहां ट्रैफिक उल्लंघन और सड़क हादसों की संख्या अत्यधिक है—जिसमें लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, बरेली, नोएडा प्रमुख हैं लखनऊ में अकेले ही 2024 में 1,630 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 576 लोगों की मौत और 1,165 घायल हुए
प्रक्रिया और कार्रवाइयाँ: ब्लैकलिस्टिंग और तत्काल निलंबन
- यातायात निदेशालय द्वारा परिवहन विभाग को सौंपे गए 3 लाख गाड़ियों और 58,893 लाइसेंसधारियों की सूची के आधार पर कार्रवाई तेज़ी से नीजी जमीनी स्तर पर शुरू हो चुकी है। अब तक लगभग 1,006 लाइसेंस और 3,964 RC रद्द किए जा चुके हैं
– जिन गाड़ियों के पास ‘5 या उससे अधिक’ बकाया चालान हैं, उन्हें तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है
– ड्राइविंग लाइसेंस भी बकाया चालानों वाले ड्राइवरों के खिलाफ रद्द किए जा रहे हैं
उद्देश्य: सड़क सख्ती और सुरक्षा सुनिश्चित करना
मुख्य मकसद है:
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ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाना।
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बकाया चालानों के जरिए राजस्व वसूली में सुधार।
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सड़क दुर्घटनाओं को रोकना, जिससे मानव जीवन की रक्षा हो सके।
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ड्राइविंग संस्कृति में सुधार लाना, जहाँ नियम तोड़ना आम बात न रहे
भविष्य की योजनाएँ और चुनौतियाँ
- सरकार आगामी दिनों में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा आयोजित करेगी और जन जागरूकता बढ़ाने की पहल करेगी साथ ही, ऐसे जिलों में विशेष निरीक्षण अभियान चलाए जाएंगे जो अब तक नियमों की अनदेखी में शीर्ष पर रहे हैं।
हालांकि, वसूली की वर्तमान दर बेहद कम है—पिछले ढाई वर्षों में मात्र 5 % चालान वसूला गया। विशेषज्ञ इसे सिस्टम व चेतना की कमजोरी बताते हैं । यह अभियान इन कमियों को दूर करने की दिशा में पहला कड़ा कदम है। - यह सख्त अभियान यूपी पुलिस और प्रशासन की सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का प्रतीक है। अब देखना यह है कि क्या यह सिर्फ एक कूटनीतिक कदम बनकर रह जाता है, या सच्चे अर्थों में सड़क नियमों की तस्वीर को बदलकर रख देता है। मैदान में इसका क्रियान्वयन और समय पर मॉनिटरिंग ही असली सफलता तय करेगी।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)