West Bengal: यूपी में फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़; अलीगढ़ से दो सदस्य गिरफ्तार, जानिये क्या है पश्चिम बंगाल से कनेक्शन

लखनऊ : यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को अलीगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है.
- एसटीएफ ने फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे आधार कार्ड बनाने का काम करते थे. गिरफ्तार किये गये अभियुक्त साजिद हुसैन व नईमुद्दीन अलीगढ़ के रहने वाले हैं.
- पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि पिछले कई दिनों से फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे फर्जी आधार कार्ड बनाने की सूचना मिल रही थी. इस गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए टीम बनाई गई. जांच पड़ताल के दौरान सूचना मिली कि अलीगढ़ के क्वासी थाना क्षेत्र में एक जनसेवा केंद्र में फर्जी आधार कार्ड व अन्य फर्जी प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे हैं. सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस के साथ एसटीएफ ने छापा मारकर दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.
- पूछताछ में अभियुक्त साजिद ने बताया कि वह पहले एक आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी में ऑपरेटर के पद पर कार्य करता था. बाद में आधार कार्ड सरकारी संस्थानों में बनाया जाने लगा तो नौकरी छूट गई. जिसके बाद वह जनसेवा केंद्र खोलकर आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र का फार्म भरने लगा.

उसने बताया कि इस दौरान उसकी मुलाकात गुजरात के आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर प्रशांत से हुई.
- उसने बताया कि ऑपरेटर से अधिकृत आधार कार्ड साॅफ्टवेयर का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर फर्जी आधार कार्ड बनाने लगा. प्रशान्त के अलावा पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर नोमान, मुजीबुर व अमीन के साथ मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनाने लगा.
- पूछताछ में उसने बताया कि वह आधार कार्ड में लगने वाले निवास प्रमाण-पत्र व जन्म प्रमाण-पत्र के लिए एक फर्जी पोर्टल का सहारा लेते थे, जिसमें लॉगिन आईडी व पासवर्ड डालने पर डैशबोर्ड खुलता था, जिसमें ग्राहक का नाम, पता व अन्य जानकारियां डालकर हूबहू ओरिजनल जैसा निवास व जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र डाउनलोड हो जाता है.
- उसने बताया कि आधार कार्ड बनाने के लिए कोई दस्तावेज न होने की दशा में 500 से एक हजार रुपये तक वसूल किया जाता था और पोर्टल पर प्रमाणपत्रों के लिए 50 से 100 रुपये की फीस कटती थी. इस तरह हजारों लोगों के फर्जी प्रमाण-पत्र व आधार कार्ड बनाये गये हैं.पूछताछ में अभियुक्त नईमुद्दीन ने बताया कि फर्जी वेबसाइट के आधार पर फर्जी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र तथा निवास प्रमाणपत्र बनाकर आधार कार्ड बनवाता था. फर्जी प्रमाणपत्रों को बनाने के लिए अफसर, पार्षद व प्रधान की मुहर आदि की जरूरत पड़ती थी जिसके लिए सभी की मुहर बनवा रखी थी जोकि जनसुविधा केंद्र से बरामद की गई है. फर्जी आधार कार्ड बनाने के एवज में ऑपरेटर को 50 हजार रुपये दिये जाते थे.
- दोनो अभियुक्तों के खिलाफ अलीगढ़ जिले के क्वार्सी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है, अग्रिम कार्यवाही थाने से की जा रही है. एसटीएफ की टीम ने उनके पास से 88 आधार कार्ड, फिंगर प्रिंट मशीन, लैपटाॅप, प्रिंटर, मोबाइल व नकदी बरामद की है. दोनों अभियुक्त अब तक लाखों फर्जी आधार व अन्य प्रमाण पत्र बना चुके हैं, एसटीएफ फर्जी प्रमाण-पत्रों की जांच पड़ताल में जुट गई है.
News Editor- (Jyoti Parjapati)
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