Department of Energy : लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी की बड़ी कार्रवाई, ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आज 3:30 बजे

बिजली कटौती के बढ़ते मामले, मुख्यमंत्री ने बुलाई अहम समीक्षा बैठक
- उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही बिजली कटौती की समस्याओं के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दोपहर 3:30 बजे राज्य ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास लखनऊ में आयोजित की जाएगी, जिसमें ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा, ऊर्जा विभाग और विद्युत बोर्ड के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिया है कि बिजली कटौती की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए विभागीय कार्यों में जवाबदेही व्यवस्था का कड़ा पालन हो।
- लोकल स्तर से लगातार मिल रही शिकायतों के अनुसार कई जिलों में बिजली क्रैकडाउन, ट्रिपिंग, ओवरलोडिंग और समय से बिलिंग जैसे मुद्दों नागरिकों को परेशान कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री ने ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा और विभाग प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे त्वरित सुधारात्मक कार्य योजना प्रस्तुत करें। यह बैठक ऊर्जा विभाग की परिचालन दक्षता, शिकायत निवारण प्रक्रिया और आपूर्ति विश्वसनीयता के स्तर की समीक्षा का मंच बनेगी।
एमिनेंट अधिकारी शामिल, ऊर्जा मंत्री की नाराजगी का भी सामना
- इस समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा भी बोर्ड स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगे। यह बैठक विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण बनी हुई है क्योंकि मंत्री ए के शर्मा पहले ही विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को सार्वजनिक चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें लगातार समझाया गया, लेकिन लापरवाह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समय आ गया है।
- मुख्यमंत्री के सामने मंत्री की नाराजगी के स्पष्ट संकेत हैं। अगर विभागीय अफसरों ने अब तक सुधारात्मक कार्यवाही नहीं की, तो आज की बैठक में उनके विरुद्ध कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी। मुख्यमंत्री और मंत्री दोनों ही इस बात पर गंभीर हैं कि बिजली विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली नागरिक असंतोष को बढ़ा रही है, जो शासन-प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर सकती है।
निर्देशों की पालना और कार्ययोजना पर होगी फोकस्ड चर्चा
- बैठक में बिजली कटौती के प्रमुख कारणों की पहचान करने के साथ-साथ ट्रिपिंग, ओवरलोडिंग, वितरण नेटवर्क की पुरानी संरचनाओं और शिकायतों के शीघ्र समाधान हेतु पुनर्गठित जाँच तंत्र पर विशेष बल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बैठक के दौरान चार प्रमुख बिंदुओं पर स्पष्ट निर्देश देने वाले हैं:
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तात्कालिक सुधार योजना – बिजली कटौती की वजहों को पहचान कर तुरंत समाधान के लिए सक्रिय अभियान चलाना।
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शिकायत समाधान प्रणाली की अपडेट – हर जिले में शिकायतों को ट्रेस करने एवं समाधान की पारदर्शिता सुनिश्चित करने वाले डिजिटल प्लेटफार्म का परिचालन।
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जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही – अगर किसी क्षेत्र में लगातार शिकायतें आ रही हैं, तो वहाँ के जिम्मेदार अधिकारी को पदोन्नति व ट्रांसफर जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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जन संचार और जागरूकता अभियान – बिजली उपयोग संबंधी सही जानकारी, सुरक्षा नुस्खा व शिकायत दर्ज करने के तरीके आमजन तक पहुँचाना।
- बैठक में हर विभागीय निकाय – उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL), बिजली वितरण कंपनियां (Discoms), ऊर्जा वित्त निदेशालय और क्षेत्रीय अधिकारियों को शामिल किया गया है।
जनहित की पहल: बिजली सेवाओं में भरोसा बहाल करने की रणनीति
- मुख्यमंत्री की यह समीक्षा बैठक केवल कर्मचारियों को फटकारने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए; बल्कि यह ऊर्जा वितरण नेटवर्क सुधारने की एक रणनीतिक कोशिश बन सके, यह उद्देश्य है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अगर सही कार्ययोजना लागू होती है, तो आने वाले महीनों में बिजली कटौती, ओवरलोडिंग और बिलों की समस्याओं में बड़ा सुधार संभव है।
- क्या आज की समीक्षा बैठक के बाद PSUs व विभागीय एजेंसियों में कार्य संस्कृति सुधरेगी? क्या बिजली कटौती की गंभीर शिकायतें अब थम जाएंगी? ये सवाल एक नए प्रशासनिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री के सख्त रुख और ऊर्जा मंत्री की चेतावनी यह संकेत देती है कि अब विभाग को ‘जीरो टैरियोलेंस’ नीति अपनानी होगी।
- जनता की अपेक्षा यह है कि आज की बैठक बिजली विभाग को न केवल तकनीकी रूप से सुदृढ़ करे, बल्कि इससे एक विश्वास भी स्थापित हो कि शासन-प्रशासन आमजन की सुविधा और सेवा के उद्देश्य से काम कर रहा है। अगर यह संभव हुआ, तो यह उत्तर प्रदेश में बिजली सेवाओं में सुधार का एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
निष्कर्ष: त्वरित समाधान और जवाबदेही का दौर
- मुख्यमंत्री योगी द्वारा बुलाई गई आज की समीक्षा बैठक, ऊर्जा विभाग के लिए एक निर्णायक क्षण है। जागरूक नागरिकों की उम्मीद है कि विभागीय सुधार, शिकायत समाधान प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की नीति अब आगे लागू होगी। यदि आज की बैठक में ठोस कार्ययोजना बनाई और कार्यान्वित की जाती है, तो उत्तर प्रदेश का बिजली वितरण प्रणाली निर्बाध, विश्वसनीय और नागरिक-केंद्रित बन सकती है।
- अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एसएसपी स्तर पर अनसुलझी बिजली मसलों पर जवाबदेही तय करने के निर्देश किस हद तक लागू किए जाते हैं और क्या इस समीक्षा से बिजली विभाग में एक नई कार्य संस्कृति का निर्माण होगा। जनता की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं—क्योंकि आज से तय होगा कि आने वाले महीने बिजली सेवाओं में सुधार की राह पर उत्तर प्रदेश कितना सफल होगा।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)