Lekhpal on the order of High Court: अरेंजर समेत सात के खिलाफ धोखाधड़ी का F.I.R दर्ज मचा हड़कंप ?
- जौनपुर। उच्च न्यायालय के आदेश पर बदलापुर थाना क्षेत्र में हल्का लेखपाल, अरेंजर शाहगंज और चकबंदी कार्यालय के चपरासी समेत सात लोगों पर धोखाधड़ी और अभिलेखों में हेरफेर का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला रैभानीपुर गांव निवासी शिवकुमार दुबे की ओर से दायर रिट याचिका के बाद दर्ज किया गया है। शिवकुमार दुबे ने आरोप लगाया कि उन्होंने लक्ष्मीकांत से खरीदी गई भूमि का दाखिल-खारिज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन उसमें फर्जी आदेश दर्ज मिला, जिसमें वर्ष 2010 में पारिवारिक समझौते के नाम पर एक अन्य व्यक्ति पारसनाथ का नाम असल काश्तकार के रूप में दर्ज किया गया था। आरोप है कि यह आदेश पूरी तरह से कूटरचित और षड्यंत्रपूर्वक तैयार किया गया।
Lekhpal on the order of High Court: अरेंजर समेत सात के खिलाफ धोखाधड़ी का F.I.R दर्ज मचा हड़कंप ?
- शिकायत में हल्का लेखपाल कैलाश, अरेंजर रमेश, चकबंदी कार्यालय के चपरासी मुरारी सहित पारसनाथ, कृष्णकांत, कमलाकांत और चिंतामणि उपाध्याय को नामजद किया गया है। आरोपियों पर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी, फर्जी पत्रावली तैयार करने और मृतक का फर्जी बयान दर्ज कराने तक के गंभीर आरोप हैं। बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी वाराणसी ने 24 मार्च 2025 को आदेश पारित कर 5 अगस्त 2010 के कथित फर्जी आदेश को निरस्त कर दिया था। अब पुलिस मामले की गहन जांच में जुट गई है।

- सुरेरी थाने पर तैनात चर्चित सिपाही इबरान अली पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज थाने पहुंचे पीड़ित से बीयर पीने के नाम पर लिए थे तीन सौ रुपया पीड़ित ने पुलिस उच्चाधिकारी से की थी शिकायत जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सुरेरी थाने पर ही मुकदमा हुआ दर्ज । सुरेरी जौनपुर :सुरेरी थाने पर वर्षों से तैनात चर्चित सिपाही इबरान अली जो सुरीरी थाने पर तैनाती के दौरान थाने पर कई थानाध्यक्षों के पोस्टिंग होते ही जुगत बनाकर उनसे मुलाकात कर फिर उनको अपने वशीभूत कर लेने की मानो कोई जादूई कला से परिपूर्ण थे। और फिर उक्त थानाध्यक्ष थाने पर तैनाती के दौरान उन्हीं के अनुसार निर्णय लेने व फरमान जारी करने का कार्य करना शुरू कर देते थे। उसी कड़ी में सुरेरी थाना क्षेत्र पर भदकिन गांव का एक पीड़ित पड़ोसी से हुए विवाद के मामले में दर्ज एनसीआर की विवेचना कराने के लिए सुरेरी थाना पहुंचा जहां विवेचना करने वाले विवेचक के इंतजार में बैठा था। इसी दौरान उक्त चर्चित सिपाही इबरान अली थाने पर पहुंचे व पीड़ित को थाने के बाहर बुलाए बाहर बुलाकर थाने आने की जानकारी लिए फिर पीड़ित से कोई काम होने से पूर्व बियर पिलाने की बात किए जिस पर पीड़ित ने सिपाही को ₹100 निकालकर देने लगा तो सिपाही ने 160 रुपए प्रति बियर का रेट बताया और कहा कम से कम दो बियर का ₹300 दे दीजिए तभी आगे कोई काम की बात हो पाएगी पीड़ित के पास पैसा न देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था । उसने सिपाही को₹300 दिया तो सिपाही पीड़ित को विवेचना पता करने की बात कहा और बताया कुछ पैसा पहले दे देना बाकी काम होने के बाद फिर सिपाही द्वारा बीयर बीने के लिए पैसे लेने की शिकायत पीड़ित ने जब पुलिस उच्चाधिकारी से की तो उच्च अधिकारी द्वारा मामले की जांच कराई गई । जांच में दोषी मिलने पर सिपाही इबरान अली के खिलाफ सुरेरी थाने पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हो गया ।यह जानकारी जैसे ही क्षेत्र में अन्य लोगों को हुई तो लोग चर्चा करना शुरू कर दिए की यदि उच्च अधिकारी थाने पर तैनात कुछ अन्य सिपाहियों की गतिविधियों पर नजर रखें तो इन्हीं के तरीके कुछ और लोग भी इसी कार्य में संलिप्त पाए जाएंगे तैनाती के ही थाने पर सिपाही पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने से पुलिस के उच्च अधिकारियों के ईमानदारी का मिसाल क्षेत्र में समेत जिले में चर्चा का विषय बना रहा।
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