Production of magnets : चीन के ठेंगा दिखाने के बाद जागी सरकार, अब देश में ही होगा रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन

चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट देने से इन्कार कर दिया है।
- नई दिल्ली: इसके बाद अब देश में ही इनके उत्पादन का इंतजाम किया जा रहा है। हालांकि वास्तविक उत्पादन में दो साल का समय लग जाएगा। इस दौरान जापान और वियतनाम से रेयर अर्थ मैग्नेट मंगाने पर काम चल रहा है। इनका यूज इलेक्ट्रिक गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा है रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन पर सब्सिडी योजना शुरू करने के बारे में 15 से 20 दिन में निर्णय लिया जाएगा। इस योजना के तहत सब्सिडी की मात्रा निर्धारित करने के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श जारी है।भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव कामरान रिजवी का कहना है कि यदि कुल प्रोत्साहन 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होता है, तो योजना को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हैदराबाद की एक कंपनी इसमें दिलचस्पी दिखा रही है। उसने वादा किया है कि वह इस साल के अंत यानी दिसंबर तक 500 टन की आपूर्ति करेगी। हमने खान मंत्री के साथ चर्चा की है। हमारे सचिव और हमारा मंत्रालय इस पर काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि 15 से 20 दिन के भीतर निर्णय लिया जाएगा।’
कहां आता है काम
- चीन:- द्वारा प्रमुख धातुओं के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत सहित कई देशों में वाहन और सेमीकंडक्टर चिप के विनिर्माण में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ है। सचिव ने कहा कि दुर्लभ खनिज के वास्तविक उत्पादन में करीब दो वर्ष लगेंगे। इस दौरान सरकार उद्योग के साथ मिलकर जापान और वियतनाम सहित अन्य वैकल्पिक स्रोतों से खरीद की संभावना तलाशेगी। रिजवी ने कहा, ‘आप जानते हैं कि जापान और वियतनाम में दुर्लभ खनिज उपलब्ध हैं। हम वहां से इसे लेने का प्रयास कर रहे हैं।’रेयर अर्थ मैग्नेट में नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन शामिल है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन में ट्रैक्शन मोटर और इलेक्ट्रिक वाहन एवं परंपरागत वाहनों में पावर स्टीयरिंग मोटर के लिए किया जाता है।
- सब्सिडी:- से रेयर अर्थ ऑक्साइड को चुंबक में बदलने के लिए प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करने को निवेश मिल सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि परमाणु ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम इंडियन रेयर अर्थ मैग्नेट्स लिमिटेड के पास ही रेयर अर्थ मैग्नेट का भंडार है। कंपनी के पास पास 1,500 टन चुंबक बनाने के लिए पर्याप्त रेयर अर्थ एलिमेंट्स हैं।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
- रिजवी ने कहा कि योजना केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए जाएगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रोत्साहन की मात्रा कितनी होगी। उन्होंने कहा, ‘यह प्रोत्साहन के स्तर पर निर्भर करता है। यदि यह 1,000 करोड़ रुपये से कम है, तो (भारी उद्योग) मंत्री और वित्त मंत्री इसे कर सकते हैं। यदि यह 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, तो इसे मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा।’
उन्होंने कहा कि हमें अभी तक आवश्यक सब्सिडी की मात्रा का पता नहीं है। स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत जारी है और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं। कोई 50 प्रतिशत चाहता है, कोई 20 प्रतिशत चाहता है, इसलिए यह प्रतिस्पर्धी बोली के अधीन होगा, तब ही हमें आवश्यक समर्थन की मात्रा का पता चलेगा।’
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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