Circumambulation of the forest sanctuary : असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा ?

Circumambulation of the forest sanctuary : असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा ?

Circumambulation of the forest sanctuary : असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा ?
Circumambulation of the forest sanctuary : असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा ?

अत्यंत प्राचीन है ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया को लगाई जाने वाली वन विहार की परिक्रमा : श्रीश्री ललिताशरण देवाचार्य महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

  • वृन्दावन।रमणरेती-परिक्रमा मार्ग स्थित प्राचीन वन विहार (आचार्य पीठ टोपी कुंज) में ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया तिथि को असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा की गई।साथ ही श्रीहरिनाम संकीर्तन एवं भजन संध्या आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।
    इस अवसर पर समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए वन विहार के अध्यक्ष जगद्गुरु निंबार्काचार्य श्रीश्री ललिताशरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया को यहां लगाई जाने वाली परिक्रमा प्राचीन काल से ही ब्रजमंडल में वन विहार परिक्रमा के नाम से जानी जाती है।यह परिक्रमा सायं काल से प्रारंभ होकर पूरी रात चलती है।जिसमें वन बिहारी ठाकुर श्रीराधा मोहन सरकार की परिक्रमा की जाती है।ये परिक्रमा इतनी प्राचीन हैं कि देव ऋषि नारदजी तक ने इन ठाकुरजी के दर्शन कर ये परिक्रमा की थी।
    वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं डॉ. राजेश सूद ने कहा कि वन विहार में आचार्य पीठ टोपी कुंज के पूर्ववर्ती आचार्यों एवं सिद्ध संतों की समाधिया हैं। जिनमें श्रीजमुना दास महाराज, कल्याण दास महाराज, भक्तमाली माधव दास महाराज, स्वामी सनत कुमार दास महाराज की समाधियां विद्यमान हैं।इन सभी संतो ने यहां पर घोर तपस्या की।साथ ही आजीवन ठाकुर राधामोहन की सेवा करते हुए भगवान श्रीयुगल बिहारी से लाड़ लड़ाया।
Circumambulation of the forest sanctuary : असंख्य संतों व भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ वन विहार की परिक्रमा ?
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  • भागवताचार्य पंडित रामनिवास शास्त्री एवं महावीर शरण शास्त्री ने कहा कि हमारे पूज्य सदगुरुदेव श्रीश्री ललिताशरण देवाचार्य महाराज धर्म और अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि हैं।उनके द्वारा लोक कल्याण हेतु चलाए जा रहे विभिन्न सेवा प्रकल्प स्तुत्य हैं।वस्तुतः वे अपने देश और समाज के एक ऐसे जाज्वल्यमान नक्षत्र हैं, जो न केवल आज की बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा और ऊर्जा देते रहेगें।
    एडवोकेट स्वाति शुक्ला एवं संजीव पुजारी ने कहा कि टोपी कुंज और वन विहार के वर्तमान अध्यक्ष जगद्गुरु निंबार्काचार्य ललिताशरण देवाचार्य महाराज (टोपी कुंज) के नेतृत्व में यहां अनेक सेवा कार्य चल रहे हैं ।साथ ही यहां पर गौ सेवा के लिए वृहद गौशाला संचालित की जा रही है। इसके अलावा ठाकुर सेवा के साथ संतो-भक्तों और रसिक जनों की सेवा करते हुए परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है।
    इस अवसर पर केशव देव (बठिंडा), सुनील गोयल, डॉ. अनिल सूद, केशव सूद, प्रवीण नारंग, राकेश शर्मा,अशोक कुमार अरोड़ा, आचार्य पुरूषोतम शरण पाराशर, प्रख्यात भजन गायन मोहित भैया, शरद चतुर्वेदी, करण पाण्डेय, अनिकेत, सतीश अग्रवाल, डॉ. राधाकांत शर्मा, श्याम सुन्दर शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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