False Accusation Of Misconduct:  दुराचार का झूठा मुकदमा लिखाने वाली महिला को साढ़े सात साल की सजा, 52 हजार रुपए का जुर्माना ?

False Accusation Of Misconduct:  दुराचार का झूठा मुकदमा लिखाने वाली महिला को साढ़े सात साल की सजा, 52 हजार रुपए का जुर्माना

 

दोषी पर 52 हजार रुपए के जुर्माना भी लगाया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार रंगोली गौतम ने 9 अगस्त 2022 को थाना विभूति खंड में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि पति से पारिवारिक विवाद चल रहा था। जिसके चलते वह 6 मई 2022 को पारिवारिक न्यायालय गई थी। वहां मिले कौशल कुमार अग्रवाल मदद के बहाने एक होटल ले गए। वहां उसके साथ दुराचार किया।8 अगस्त 2022 को फोन कर होटल में बुलाया और बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर फिर दुराचार किया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सहायक पुलिस आयुक्त विभूति खंड अभय प्रताप मल्ल ने विवेचना शुरू की। विवेचना में पाया कि महिला ने दुराचार, जान से मारने की धमकी व एससी-एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। विशेष अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि तथाकथित घटना वाली तारीखों में महिला स्वयं होटल में कमरा लेकर रुकी थी। वहां लगे सीसीटीवी फुटेज से उसके कमरे में आरोपी का प्रवेश होना नहीं पाया गया। विवेचना के दौरान के दौरान यह भी पाया गया कि घटना वाले दिन आरोपी कनाडा में था, जिसके साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद हैं। साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी महिला को दोषी करार दिया।
दोषी पर 52 हजार रुपए के जुर्माना भी लगाया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार रंगोली गौतम ने 9 अगस्त 2022 को थाना विभूति खंड में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि पति से पारिवारिक विवाद चल रहा था।

लखनऊ, मुआवजे के लालच में दुराचार, जानमाल की धमकी समेत और एससी-एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने साक्ष्यों के आधार पर महिला को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने दोषी रंगोली गौतम को साढ़े सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 52 हजार रुपए के जुर्माना भी लगाया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार रंगोली गौतम ने 9 अगस्त 2022 को थाना विभूति खंड में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि पति से पारिवारिक विवाद चल रहा था। जिसके चलते वह 6 मई 2022 को पारिवारिक न्यायालय गई थी। वहां मिले कौशल कुमार अग्रवाल मदद के बहाने एक होटल ले गए। वहां उसके साथ दुराचार किया। 8 अगस्त 2022 को फोन कर होटल में बुलाया और बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर फिर दुराचार किया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सहायक पुलिस आयुक्त विभूति खंड अभय प्रताप मल्ल ने विवेचना शुरू की। विवेचना में पाया कि महिला ने दुराचार, जान से मारने की धमकी व एससी-एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। विशेष अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि तथाकथित घटना वाली तारीखों में महिला स्वयं होटल में कमरा लेकर रुकी थी। वहां लगे सीसीटीवी फुटेज से उसके कमरे में आरोपी का प्रवेश होना नहीं पाया गया। विवेचना के दौरान के दौरान यह भी पाया गया कि घटना वाले दिन आरोपी कनाडा में था, जिसके साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद हैं। साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी महिला को दोषी करार दिया।

News Editor- (Jyoti Parjapati)

Check Also

First case filed : उत्तराखंड से कड़ा संदेश, मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद ऑपरेशन कालनेमि के तहत कांवड़ियों पर पहला मुक़दमा दर्ज़ ?

First case filed : उत्तराखंड से कड़ा संदेश, मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद ऑपरेशन कालनेमि के तहत कांवड़ियों पर पहला मुक़दमा दर्ज़ ?

First case filed : उत्तराखंड से कड़ा संदेश, मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद ऑपरेशन कालनेमि …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *