Pradhan ji is upset : जीओ टैगिंग संग ग्राम पंचायत से स्ट्रीट लाइटों का भरना है बिजली बिल, नियमों की बाध्यता से प्रधान जी परेशान

गांव में चोरों को आतंक बढ़ा हुआ है गांव के लोग तब भी पहरा लगा रहे हैं
- और खुशी से बात की है कि गांव गांव में कहीं भी अंधेरा नहीं है अब चारों तरफ लाइट जलती रहती है तो चोरों का गांव में घुसने का रास्ता ही बंद हो गया गांव के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है मिशन शक्ति के तहत गांवों की सड़कें, गलियां, सार्वजनिक स्थानों को दूधिया रोशनी से जगमग करना था पर नियमों ने ऐसा बांधा कि कोई ग्राम प्रधान हिम्मत नहीं जुटा पाया कि इन लाइटों को लगवा दे। छह महीने पूर्व की शासन की यह योजना अभी तक फाइलों से बाहर नहीं आ सकी है। अब तो चुनाव है इसलिए मार्च तक उम्मीद भी नहीं कि इस पर कोई काम होगा। भदोही की 546 ग्राम पंचायतों में अभी तक कहीं भी लाइटें नहीं लग सकी हैं।
पंचायती राज विभाग को शासन ने निर्देश दिया
- पंचायती राज विभाग को शासन ने निर्देश दिया कि सभी ग्राम पंचायतों की गली, मोहल्ले, सड़कें, सार्वजनिक स्थानों पर एलईडी लाइटें लगवाई जाएं। जो भी एलईडी लाइटें खरीदी जाएं उनके दाम और कंपनियां शासन से निर्धारित हैं। निर्देश था कि निर्धारित कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों की लाइटें खरीदी गईं तो उसका भुगतान प्रधान अपनी जेब से करेगा, उसे ग्राम पंचायत निधि में शामिल नहीं किया जाएगा। इन लाइटों को लगवाने में ग्राम पंचायत के साथ क्षेत्र और जिला पंचायत भी सहयोग करेंगी लेकिन छह माह बीत गया पंचायत राज विभाग की पहल के बाद भी ग्राम प्रधानाें ने इनमें रुचि नहीं दिखाई।
अब तक हर साल 70 से 80 हजार होता था खर्च :
- ग्राम पंचायतें लाइटों के नाम पर हर साल 70 से 80 हजार रुपये खर्च करती थीं। स्थिति यह होती कि ज्यादातर लाइटें दो-चार महीने बाद खराब हो जाती। जिस एजेंसी से यह खरीदी जातीं, आपूर्ति के बाद वह गोल हो जाती थी पर शासन ने यह बंदिश लगाई तो प्रधानों का हौसला ही टूट गया।
शासन की ओर से क्या है नियम :
- निर्देश में कहा गया है कि एलईडी लाइटों की सुरक्षा, डुप्लीकेसी को रोकने के लिए प्रत्येक लाइट की जीओ टैगिंग कराई जाएगी। एक-एक लाइट का ब्योरा विभाग के पास रहना चाहिए। लाइटों के लिए अलग-अलग कनेक्शन लिया जाए। लाइटों की मेंटीनेंस और बिल का भुगतान ग्राम पंचायतें करेंगी।
अलग-अलग होंगी क्षमता :
- गांवों में खंभों की दूरी और जरूरत के हिसाब से अलग-अलग क्षमता की लाइटें लगवाई जानी हैं। इसके लिए 18, 24, 35 और 45 वाट की लाइटें खरीदी जानी है। सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी जबकि गलियों में कम वाट की लाइटें लगनी हैं।
बोले अधिकारी :
- इसके लिए पहल की गई थी लेकिन ग्राम पंचायतों ने रुचि नहीं दिखाई। शासन का निर्देश है इसलिए इसका अनुपालन किया जाएगा। चुनाव बाद सभी ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे और लाइटें भी लगेंगी। -बालेशरधर द्विवेदी, जिला पंचायत राज अधिकारी।
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News Editor- (Jyoti Parjapati)
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