Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?

Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?

Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?

मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर की
91 करोड़ रु0 लागत की 13 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

उत्कृष्ट योगदान करने वाले 26 शिक्षकों एवं 60 छात्र-छात्राओं को पुरस्कार
एवं 04 नई सी0एन0जी0 बसों को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय समग्र विकास
की परिकल्पना को लेकर कार्य कर रहा : मुख्यमंत्री

आज दुनिया में भारत हर क्षेत्र में अपने आपको साबित
करके एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा

जब कोई व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता, तो वह निखरता,
लेकिन जब पलायन करता है, तो वह बिखरता

विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी चुनौतियों का सामना कर
विश्वविद्यालय एवं नई तकनीक के अनुसंधान के क्षेत्र में कुछ नया करें

छात्र ऐसी तकनीक का विकास करें जिसके माध्यम से इंर्ट के भट्ठे
द्वारा होने वाले पर्यावरण हानि को कम किया जा सके

छात्र भवन के सस्ते मॉडल, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य कर सकते

ईज ऑफ लिविंग के लिए सस्ती तकनीक जरूरी, विश्वविद्यालय एवं तकनीकी संस्थानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ सबको जोडे़ं

शहरी निकायों में एल0ई0डी0 बल्ब से कार्बन उत्सर्जन कम हो रहा,
यह प्रधानमंत्री जी के नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी मदद कर रहा

विश्वविद्यालय को सीवेज ट्रीटमेंट और ड्रेनेज प्लानिंग के लिए नई तकनीक की खोज करनी चाहिए, देशी तकनीक को शामिल करके एक नया मॉडल बनाना चाहिए

विश्वविद्यालय ने विभिन्न रैंकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया

संस्थान को क्षेत्र विशेष में नॉलेज पार्टनर के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए
लखनऊ :- 

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर की 91 करोड़ रुपये लागत की 13 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट योगदान करने वाले 26 शिक्षकों एवं 60 छात्र-छात्राओं को पुरस्कार एवं 04 नई सी0एन0जी0 बसों को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया।
    आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने नये कार्यो के लोकार्पण एवं शिलान्यास की बधाई देते हुए कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सतत् विकास की अवधारणा से हटकर समग्र विकास की परिकल्पना को लेकर कार्य कर रहा है। पश्चिम के विकास की अवधारणा में सतत् विकास की बात की जाती है। जबकि भारतीय मनीषा ने सतत् विकास के बजाए समग्र विकास की परिकल्पना को हम सबके सामने रखा है। हमने जीवन के एक पक्ष को लेकर काम नहीं किया, बल्कि हमारा दृष्टिकोण समग्रता में है। इसी समग्रता के दर्शन पर आज विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यां के लोकार्पण एवं शिलान्यास के साथ नवचयनित फैकेल्टी मेंबर का नियुक्ति कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
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  • मुख्यमंत्री जी ने नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी यह ध्यान रखें कि आप विश्वविद्यालय परिवार का आज हिस्सा बने हैं। चयन की जिस कठिन प्रक्रिया को पास कर आप चयनित हुए हैं, उसके अनुकूल अपने दायित्वों का भी उन्हें निर्वहन करना चाहिए। आप विश्वविद्यालय की विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनकर विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। आपके लिए यह एक सुनहरा अवसर है। विश्वविद्यालय की प्रगति होगी, तो आपका भी सम्मान होगा। यदि विद्यालय पर कोई अपयश आयेगा तो आप भी इस अपयश के भागी होंगे। हर एक व्यक्ति जो इस संस्था से जुड़ा है, वह विश्वविद्यालय की उन्नति का भी जिम्मेदार होगा और यदि अवनति होती है तो उसका भी जिम्मेदार होगा। कोई भी सफलता टीम वर्क से ही प्राप्त की जा सकती है। व्यक्तिगत स्वार्थ व आपसी खींचतान से संस्था के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इससे संस्था की रैंकिंग भी प्रभावित होती है।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले भारत शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में दुनिया का मार्गदर्शन करता था। 16वीं शताब्दी से पहले भारत दुनिया की जी0डी0पी0 में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता था। 10वीं शताब्दी में तो भारत दुनिया की 50 फीसदी जी0डी0पी0 का प्रतिनिधित्व करता था। इसके उपरान्त इसमें लगातार गिरावट आती गयी। अंग्रेजां के समय में यहां संसाधनों की लूट हुई। अंग्रेजां ने यहां का रॉ-मेटेरियल लूटकर भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। स्वतंत्रता के बाद इन 70 वर्षो में भारत में हर क्षेत्र में कुछ न कुछ किया गया, किन्तु उसके बाद भी हम विश्व की 11वीं ईकोनॉमी बन पाये। लेकिन पिछले 10 वर्षो में भारत में हर क्षेत्र में एक नयापन, नई ऊर्जा व नई उमंग देखने को मिल रही है।
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आगामी 02 वर्षो में भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। आज दुनिया में भारत हर क्षेत्र में अपने आपको साबित करके एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। यह सब पहले भी हो सकता था, किन्तु नहीं हुआ। आज संसाधन भी वही हैं, तंत्र भी वही है किन्तु नेतृत्व बदलने के कारण भारत विकास की उन नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जहां सभी देश पहुंचना चाहते है।
    किसी व्यक्ति या देश की पहचान उसके सामने पड़ने वाली चुनौती से होती है। वैश्विक महामारी कोरोना के समय जब सभी देश पस्त थे, तब भारत एक मात्र ऐसा देश था, जिसने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मजबूती से इस महामारी का सामना किया। भारत ने निःशुल्क जांच, निःशुल्क टीका, निःशुल्क राशन एवं उपचार देकर महामारी को पराजित किया। अन्य देशों में कहीं राशन नहीं था, कहीं टीका नहीं था, पर भारत ने इन सबको पूरा कर अपने आपको साबित किया।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, तो वह निखरता है, लेकिन जब पलायन करता है, तो वह बिखरता है। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की जवाबदेही है कि वे चुनौतियों का सामना कर विश्वविद्यालय एवं नई तकनीक के अनुसंधान के क्षेत्र में कुछ नया करें। समाज के संसाधन से वित्तपोषित इस संस्थान के विद्यार्थी होने के नाते आपका यह दायित्व है कि समाज को कुछ नया दें। सस्ती तकनीक लोगों तक पहुंचाएं। यह हर एक क्षेत्र में हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति की चाहत होती है कि वह एक आवास बनाये। आवास सस्ता और टिकाऊ कैसे बनें, इस पर विद्यार्थी कार्य कर सकते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा आवास हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में 01 लाख 20 हजार रुपये व शहरी क्षेत्र में 02 लाख 50 हजार रुपये दिये जाते हैं। छात्र इस क्षेत्र में भी तकनीक की खोज कर सकते हैं कि कैसे इन भवनों को कम समय में व टिकाऊ बनाया जा सके। वह ऐसी तकनीक की खोज में कार्य कर सकते हैं, जिसके माध्यम से लोगों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति हुई है। छात्र ऐसी तकनीक का विकास करें जिसके माध्यम से इंर्ट के भट्ठे द्वारा होने वाले पर्यावरण हानि को कम किया जा सके। वह इंर्ट के स्थान पर प्रयोग होने वाले पदार्थ की खोज पर भी कार्य कर सकते हैं। वह भवन के सस्ते मॉडल पर भी कार्य कर सकते हैं। छात्र सालिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्य कर सकते हैं। भारत में पहले प्रत्येक गांव में यह प्रबंधन होता था। प्रत्येक गांव में एक खाद का गड्ढा होता था, जहां वेस्ट का कम्पोस्ट बनाया जाता था और बाद में उसे खेतों में खाद के लिए प्रयोग करते थे। आज सॉलिड वेस्ट प्रबन्धन के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। हर शहरी निकाय महंगी तकनीक के कारण खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं होती है, जिसके कारण उन्हें कभी कभी सरकार के साथ एग्रीमेंट करना पड़ता है। छात्र इस सम्बन्ध में सस्ती तकनीक की खोज को एक अवसर के रूप में लेकर कार्य कर सकते हैं।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक इतनी महंगी न हो कि वह सामान्य आदमी से दूर हो जाये। छात्रों को ऐसी तकनीक खोजनी चाहिए कि जिसका हम दैनिक जीवन में उपयोग कर सकें। सालिड वेस्ट से कैसे सस्ती बिजली बनाई जा सके, इस पर भी छात्र कार्य कर सकते हैं। इससे बिजली सस्ती होगी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में आसानी होगी। यह एक चुनौती है। सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हम सस्ते व कम समय में आवास तथा इंर्ट के स्थान पर अन्य पदार्थ की खोज पर कार्य कर रहे हैं। हर व्यक्ति के अच्छे रहन-सहन अर्थात ईज ऑफ लिविंग के लिए सस्ती तकनीक जरूरी है। विश्वविद्यालय एवं तकनीकी सस्थानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ सबको जोड़ें।
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
Inaugurated and laid the foundation stone : मुख्यमंत्री ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया ?
  • मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग में हमें यह ध्यान रखना होगा कि तकनीक हमारे द्वारा संचालित हो, हम तकनीक द्वारा संचालित न हों। तकनीक को जब तक हम अच्छे से इस्तेमाल करते हैं तब तक वह लोक कल्याण का माध्यम बनती है। तकनीक ने ही जीवन को बहुत आसान बनाया है। आज उत्तर प्रदेश में तकनीक के प्रयोग से 30 लाख फर्जी राशन कार्ड खत्म किये गये। ई-पॉस मशीन के माध्यम से आज उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। तकनीक के प्रयोग द्वारा ही डी0बी0टी0 के माध्यम से 01 करोड़ 06 लाख वृद्धजनों, निराश्रित महिलाओं एवं दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये वार्षिक की दर से पेंशन दी जा रही है। पहले इसके अभाव में इन लाभार्थियों को 300 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन 06 माह में मिलती थी। भ्रष्टाचार के कारण नाम मात्र ही पेंशन प्राप्त होती थी। आज लाभार्थी बी0सी0 सखी के माध्यम से गांव में ही अपना पैसा आहरित व जमा कर सकते हैं। शासन द्वारा दी जा रही सुविधा एवं तकनीक के सहयोग से आसानी से यह लाभार्थी को प्राप्त हो रही हैं।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले शहरी निकायों में स्ट्रीट लाइट में हैलोजन व अन्य रंग-बिरंगे बल्ब लगाये जाते थे, जिससे ऊर्जा की काफी खपत होती थी। जब इसके स्थान पर एल0ई0डी0 बल्ब शासन द्वारा लगाया गया तो नगर विकास विभाग को सालाना 01 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है। इससे कार्बन उत्सर्जन भी कम हो रहा है। यह प्रधानमंत्री जी के नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी मदद कर रहा है। ऐसे ही हर क्षेत्र में हम बहुत कुछ कर सकते हैं। 10 वर्ष पहले नालों के दूषित जल के नदी में मिलने के कारण एन0जी0टी0 ने गोरखपुर नगर निगम पर पेनाल्टी लगायी थी। तब नगर निगम ने इन नालों पर एस0टी0पी0 के निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा था। गोरखपुर नगर निगम ने देशी तकनीक के माध्यम से 110 करोड़ रुपये के एस0टी0पी0 के स्थान पर मात्र 04 करोड़ रुपये में एस0टी0पी0 का निर्माण कराया। इस कार्य के लिए नगर निगम को जर्मनी में भी प्रेजेंटेशन हेतु आमंत्रित किया गया था। ऐसा हम हर क्षेत्र में कर सकते हैं।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भी सीवेज ट्रीटमेंट और ड्रेनेज प्लॉनिंग के लिए नई तकनीक की खोज करनी चाहिए। उन्हें देशी तकनीक को शामिल करके एक नया मॉडल बनाना चाहिए। ड्रेनेज या सीवर सफाई हेतु रोबोटिक्स के इस्तेमाल पर भी कार्य करना चाहिए। लेकिन तकनीक ऐसी होनी चाहिए कि वह सस्ती हो तथा हर व्यक्ति के सामर्थ्य में हों।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज दुनिया तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे पहुंच चुकी है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भी इन सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए। हम क्वांटम कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में एक नया सेन्टर हब स्थापित करने के एक नये प्रतिस्पर्धा की शुरुआत कर सकते हैं। शुरुआत छोटे से ही होती है, उत्तर प्रदेश में तो यह पूरी तरह से सम्भव है। भारत का पहला क्वांटम कम्प्यूटर आई0आई0टी0 कानपुर में स्थापित हुआ है। इस क्षेत्र में संस्थानों के बीच एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। प्रतिस्पर्धा के लिए अभी से प्रयास करेंगे तो हमें उनके मार्ग मिलेंगे। हमें समस्या पर नहीं समाधान पर ध्यान देना चाहिए। जब हम समाधान की तरफ जाते हैं तो समस्या अपने आप समाप्त हो जाती है। यह विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहा है।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने विभिन्न रैंकिंग में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एन0आई0आर0एफ0 की रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग की श्रेणी में 84वां स्थान, विश्वविद्यालय की श्रेणी में 94वां स्थान एवं राज्य विश्वविद्यालय की श्रेणी में 40वां स्थान प्राप्त किया है। हमें विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग व विश्वविद्यालय की श्रेणी में टॉप 50 में तथा राज्य विश्वविद्यालय की श्रेणी में टॉप 10 में लाने हेतु कार्य करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते है तो यह संस्थान एशिया की क्यू0एस0 रैंकिंग एवं दक्षिण एशिया की रैंकिंग में भी अच्छा स्थान प्राप्त कर सकता है। इसके लिए हमें काफी काम करना पड़ेगा।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज विश्वविद्यालय में 08 करोड़ रुपये की लागत से सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास, एक नये मैकेनिकल इंजीनियरिंग भवन का लोकार्पण एवं 04 सी0एन0जी0 बसों का संचालन भी प्रारम्भ हुआ है। आई0टी0आर0सी0 विभाग के भवन के विस्तार का कार्य हुआ है। आज यहां नैचुरल गैस पाइप लाइन के कार्य के साथ एक विद्युत सबस्टेशन के निर्माण कार्य का शिलान्यास सम्पन्न हुआ है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में विश्वेश्वरैया भवन, टैगोर भवन आदि के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास हुआ है। हम सबको इस संस्थान को क्षेत्र विशेष में नॉलेज पार्टनर के रूप में आगे बढ़ाना चाहिए। शासन एवं प्रशासन के सहयोग के साथ ही अपने संसाधन का सृजन कर विश्वविद्यालय को आगे बढ़ना चाहिए।
    कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन शुक्ल तथा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 जे0पी0 सैनी ने भी सम्बोधित किया।
    इस अवसर जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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