Global alliances : भारत के खिलाफ खड़ा है, एक सुनियोजित वैश्विक गठजोड़ ?

भारत के खिलाफ खड़ा है.
एक सुनियोजित वैश्विक गठजोड़.!!
पिछले सौ वर्षों से अमेरिका एक महाशक्ति की तरह राज करता रहा है। उसने हर उस देश को मिटा दिया जिसने उसकी सत्ता को चुनौती देने की कोशिश की।
जो अमेरिका अब तक चीन के पीछे हाथ धोकर पड़ा था, वो भारत के तरफ क्यों तिरछी निगाहों से देख रहा है..?
क्या अमेरिका भारत को खतरा मान रहा है या दक्षिण एशिया में खत्म होती अपनी साख देखकर खीझ रहा है..?
या F-16 की शहादत को पचा नहीं पा रहा है..?
या माजरा कुछ और ही है..?
जापान ने सिर उठाया,
तो हिरोशिमा-नागासाकी राख हो गए।
यूएसएसआर ने टक्कर ली, तो 17 टुकड़ों में टूट गया।
इराक, ईरान, अफगानिस्तान जैसे देशों का क्या हाल हुआ, ये पूरी दुनिया ने देखा है।
अब जो देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, वो है भारत।
भारत आज आत्मनिर्भर बनना चाहता है, दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और सबसे तेज़ विकास करती अर्थव्यवस्था भी।
भारत की यह प्रगति अमेरिका और पश्चिमी ताकतों को हजम नहीं हो रही। उन्हें डर है कि अगर भारत आत्मनिर्भर हो गया, तो उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।
इसीलिए अब भारत को निशाना बनाया जा रहा है—सीधे नहीं, बल्कि अपने ही लोगों के ज़रिए।
जिस तरह चीन के उद्योगपति जैक-मा को अमेरिका ने उभरते ही खत्म करने की साजिश रची, उसी तरह अब अडानी और अंबानी जैसे भारतीय उद्योगपतियों को दबाने की कोशिश की जा रही है।
अडानी ने जब ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखा, और भारत को तेल-गैस के विकल्प देने की योजना बनाई, तभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आ गई।
अब जबकि CNBC तक ने कहा है कि अडानी दुनिया के दूसरे ट्रिलियनेयर बन सकते हैं, हमले और तेज़ हो गए हैं।
भारत की ऊर्जा निर्भरता खत्म हो जाए, तो भारत मजबूत हो जाएगा। लेकिन अमेरिका ऐसा होने नहीं देना चाहता।
सोशल मीडिया, यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, गूगल—
ये सब अमेरिका के हाथ में हैं।
वो जब चाहे, जिसे चाहे बदनाम कर सकते हैं। मीडिया को खरीदा जा सकता है, पेड ट्रेंड चलाए जा सकते हैं।
भारत के अंदर भी अमेरिका के एजेंट सक्रिय हैं—गद्दार, जयचंद, नकली बुद्धिजीवी।
इनकी बातें देखिए—
जब देश आगे बढ़ता है तो इन्हें दर्द होता है, जब कोई भारतीय उद्योगपति दुनिया में जगह बनाता है तो ये मज़ाक उड़ाते हैं। लांछन लगाते हैं।
उन्हें भारत की मजबूती नहीं चाहिए, उन्हें भारत में एक कमज़ोर, गठबंधन की सरकार चाहिए जो कभी भी गिर सके।
पिछले 10 वर्षों में भारत में एक स्थिर सरकार है, जो अपने उद्योगपतियों को आगे बढ़ा रही है। लेकिन यही बात विदेशी शक्तियों और भारत के विपक्ष को चुभ रही है।
आज अगर अडानी, अंबानी, टाटा, महिंद्रा जैसे नाम दुनिया में धमक पैदा कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ मुहिम चलाना—क्या यह भारत के खिलाफ षड्यंत्र नहीं?
ये उद्योगपति भारत का चेहरा हैं। ये हमारे हीरो हैं जो “मेक इन इंडिया” को दुनिया में पहुंचा रहे हैं।
अगर इन्हें गिराया गया, तो…
असल में भारत को गिराया जाएगा।
इसलिए पहचानिए—कौन जयचंद है?
कौन आपके देश को बेचने पर तुला है?
और सबसे ज़रूरी बात—
सोचिए नहीं, अब एक्शन लीजिए।
कम से कम 20 लोगों को ये बात पहुंचाइए।
देश को बांटने वाले विदेशी इकोसिस्टम को जवाब सोसल मीडिया के ज़रिए ही दिया जा सकता है।
क्योंकि देश हमारा है,
सरकार हमारी है,
और भविष्य भी हमारा है।
जय हिंद।
वंदे मातरम्।
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