Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?

Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?

Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?
Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?

परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी : आचार्य राम चंद्र दास महाराज

(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

  • वृन्दावन:- वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के तत्वावधान में ब्रह्मलीन संतप्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज का 35 वां द्विदिवसीय तिरोभाव महोत्सव एवं होली महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। जिसके अंतर्गत संतप्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक किया गया।साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।
    इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्रीतुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य राम चंद्र दास महाराज (जय भैयाजी) ने कहा कि गौऋषि संत शिरोमणि प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज के तिरोभाव महोत्सव में उपस्थित हो कर मैं स्वयं को धन्य एवं बडभागी अनुभव कर रहा हूं। महाराजश्री परम निष्पृह व वीतरागी संत थे। उनके जीवन में ज्ञान व भक्ति का अद्भुद समन्वय था।
Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?
Prabhudatta celibate : परम वीतरागी व निस्पृह संत थे प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ?
  • श्रीमहंत अमर दास महाराज एवं भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने कहा कि संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज की गौ भक्ति, विप्र भक्ति व संत भक्ति प्रणम्य है।वे भगवद स्वरूप थे।वह धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि हैं।
    भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज व आचार्य विनय त्रिपाठी ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव सनातन वैदिक संस्कृति के परम उपासक, राष्ट्र हित चिन्तक व गौभक्त संत थे। उन्होंने धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ रहकर गौहत्या आन्दोलन का नेतृव किया था।
    प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज सेवा के मूर्तिमान स्वरूप थे।उन्होंने जीवन भर गौ, संत, ब्राह्मण आदि की निस्वार्थ भाव से सेवा की।उनके द्वारा स्थापित किए गए सेवा प्रकल्पों से आज भी असंख्य व्यक्ति लाभान्वित हो रहे हैं।
    महोत्सव में महंत ब्रजबिहारी दास महाराज, भागवताचार्य विपिन बापू महाराज, आचार्य युगल किशोर कटारे, आचार्य सुमंत कृष्ण महाराज, आचार्य शिवांश भाई मिश्र, डॉ. रामदत्त मिश्रा, आचार्य मंगेश दुबे, डॉ. राधाकांत शर्मा, स्वामी भानुदेवाचार्य महाराज, आर. के. पाण्डेय, जुगल शास्त्री, पण्डित धर्मवीर शास्त्री, डॉ. मुकेश मोहन शास्त्री, स्वामी निवासाचार्य महाराज, आचार्य पंकज शास्त्री, प्रवीण त्रिपाठी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। संचालन पण्डित बिहारीलाल शास्त्री ने किया।धन्यवाद ज्ञापन विनय त्रिपाठी एवं भागवताचार्य गोपाल भैया ने किया।इससे पूर्व पण्डित श्याम सुन्दर ब्रजवासी ने संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य होली से सम्बंधित भजनों, पदों व रसियाओं का गायन किया।जिस पर समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं ने रंग, गुलाल और फूलों की जबरदस्त होली खेली।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।

हमारे आदर वेबसाइट जैसे युटुब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, इत्यादि लिंक पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। लाइक, शेयर, सब्सक्राइब, करना करना ना भूले और अगर आपको लगता है कुछ एडवाइस देना चाहे तो वह भी सेंड करें।

follow us on
http://www.youtube.com/@AndekhiKhabarNews
https://www.facebook.com/profile.php?id=61562253072823
https://www.instagram.com/sa_chinkumar1185/
https://andekhikhabar.com/
https://x.com/home

Check Also

Became an immortal story : ममता और बच्चों के लिए उसके अटूट प्रेम की अमर गाथा बन गई ?

Became an immortal story : ममता और बच्चों के लिए उसके अटूट प्रेम की अमर गाथा बन गई ?

Became an immortal story : ममता और बच्चों के लिए उसके अटूट प्रेम की अमर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *